क्या यूट्यूब पत्रकारों के लिए सरकार बना रही है क़ानून? यूट्यूबर्स के साथ अनुराग ठाकुर की बैठक

केंद्रीय सूचना एंव प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि वह पत्रकारों से हुई बातचीत का रिव्यू करेंगे और दो महीने के बाद फिर से बैठक करेंगे.

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हिंदी पत्रकारिता दिवस के मौके 30 मई को दिल्ली स्थित कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने देशभर के चुनिंदा यूट्यूबर्स और प्रमुख डिजिटल मीडिया संस्थानों के करीब 60 पत्रकारों और प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक की.

इस बैठक में देश के बड़े मीडिया संस्थानों के पत्रकारों के अलावा कई प्रदेशों के यूट्यूबर्स शामिल हुए. बैठक में मंत्री अनुराग ठाकुर के अलावा दो ज्वाइंट सेक्रेटरी विक्रम सहाय और संजीव शंकर भी शामिल हुए. हालांकि दोनों अधिकारी बैठक में करीब 20 मिनट ही रुके, इसके बाद चले गए.

बैठक में शामिल हुए पत्रकारों के मुताबिक उन्हें दो दिन पहले शनिवार को इस बैठक के बारे में सूचित किया गया था. इसके बाद इंडिया टुडे, आजतक, न्यूज़-18 ग्रुप और टाइम्स ग्रुप के अलावा कई अन्य संस्थानों से जुड़े पत्रकार और स्वतंत्र यूट्यूब चैनल चलाने वाले पत्रकार इसमें शामिल हुए.

बैठक में शरीक हुए प्रमुख नामों में इंडिया टुडे ग्रुप की वेबसाइट और लोकप्रिय यूट्यूब चैनल द लल्लनटॉप के एडिटर सौरभ द्विवेदी, आजतक डिजिटल के एग्जीक्यूटिव एडिटर पाणिनि आनंद, इंडिया टुडे ग्रुप डिजिटल के एग्जीक्यूटिव एडिटर दीप हल्दर, न्यूज़-18 के ग्रुप एडिटर बृजेश सिंह, नवभारत टाइम्स के एडिटर आलोक कुमार, हिंदुस्तान डिजिटल के एडिटर प्रभाष झा समेत कई अन्य यूट्यूब पत्रकार शामिल हुए.

न्यूज़लॉन्ड्री ने इस बैठक में हुई बातचीत को लेकर वहां मौजूद कई पत्रकारों से बात की. एक यूट्यूब चैनल और वेबसाइट के एडिटर कहते हैं, “बैठक में ऑफ द रिकार्ड बातचीत हुई इसलिए मैं इस पर ज्यादा बोल नहीं सकता. अगर यह ऑन रिकार्ड होती तो वो लोग कोई प्रेस कांफ्रेंस करते.”

नाम न छापने की शर्त पर बैठक में शामिल एक अन्य पत्रकार कहते हैं, “शुरुआती बैठक में करीब 20 मिनट तक दो ज्वाइंट सेक्रेटरी के साथ यूट्यूब की पॉलिसी को लेकर आ रही दिक्कतों पर बातचीत हुई. उसके बाद मंत्रीजी ने वहां मौजूद सभी लोगों से एक-एक कर बातचीत की. उनकी सलाह मांगी. इसमें मुख्यधारा के मीडिया को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई. सारा ध्यान यूट्यूब पर पत्रकारिता करने वालों पर ही थी.”

इस बैठक में यूट्यूबर्स को आ रही दिक्कतों पर अनुराग ठाकुर ने सभी से सवाल किए, साथ ही यूट्यूबर्स को पत्रकार का दर्जा दिए जाने को लेकर भी बातचीत हुई.

हमने इस बाबत द लल्लनटॉप के संपादक सौरभ द्विवेदी और आजतक के पाणिनी आनंद से भी बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कुछ भी बोलने से मना कर दिया.

वहां मौजूद लोगों ने यूट्यूब और फेसबुक पर मोनेटाइजेशन को लेकर आ रही दिक्कतों की बात मंत्रीजी के सामने रखी. साथ ही छोटे यूट्यूबर्स ने बड़े मीडिया संस्थानों द्वारा मौके-बेमौक किए जाने वाले कंटेंट कापी राइट्स स्ट्राइक को लेकर अनुराग ठाकुर से अपनी चिंताएं जताई.

एक यूट्यूब चैनल के मालिक कहते हैं, “बैठक में आए पत्रकारों की बातें सुनने के बाद ठाकुर ने कहा कि वह इसका रिव्यू करेंगे और दो महीने के बाद फिर से बैठक करेंगे.”

इस बैठक में मौजूद एक एडिटर ने कुछ यूट्यूबर्स द्वारा लोगों को परेशान करने जैसे वाकयों का भी जिक्र किया. बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया कि बड़े मीडिया संस्थानों के पास यूट्यूब और फेसबुक के अधिकारियों तक सीधी पहुंच होती है, लेकिन यूट्यूबर्स और छोटे संस्थानों की कोई सुनवाई नहीं होती.

इस बैठक में शामिल ब्रजेश सिंह और दीप हल्दर से भी हमने संपर्क किया. हालांकि दोनों ने व्यस्तता के कारण बातचीत में असमर्थता जताई.

बैठक का लब्बोलुआब बताते हुए एक पत्रकार कहते हैं, "सरकारें किसी न किसी तरीके से मीडिया के कंटेंट को नियंत्रित करने का प्रयास करती हैं. आज के समय में यूट्यूब पत्रकारिता का बहुत बड़ा मंच बनकर सामने आया है. यहां पक्ष-विपक्ष हर तरह के लोग अपनी बात रखते हैं. इससे सत्ता पक्ष को भी दिक्कत होती है. कई बार तो यूट्यूबर्स बेहद सनसनीखेज तरीके से अपनी बात रखते हैं, जिसमें तथ्य कम, सनसनी ज्यादा होती है. संभव है कि आने वाले समय में यूट्यूब चैनलों के रजिस्ट्रेशन जैसी व्यवस्था हमें देखने को मिले, या कंटेट को लेकर कोई नियमावली जारी हो. शायद इसको रेगुलेट करने के लिए सरकार कोई नियम बनाने जा रही है. उसी दिशा में यह बैठक की गई है."

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