त्रिपुरा: स्थानीय न्यूज़ चैनल के संपादक के घर बिना वारंट तलाशी करने का आरोप

डिविजनल पुलिस ऑफिसर हिमाद्रि प्रसाद ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि ऐसी कोई तलाशी कहीं भी नहीं हुई है.

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त्रिपुरा पुलिस ने स्थानीय टीवी न्यूज़ चैनल के एक संपादक के घर पर कथित तौर पर बिना वारंट के तलाशी की है. इसके बाद अगरतला और कुलमुलवंग प्रेस क्लब ने इस तलाशी की सख्त तौर पर निंदा की है.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक प्रेस क्लब ने ये इल्जाम लगाया है कि पुलिस ने संपादक के घर पर जाकर उनके रिश्तदारों को भी परेशान किया. हलाकि प्रेस क्लब ने संपादक का नाम नहीं बताया है.

प्रेस रिलीज में कुलमुलवंग प्रेस क्लब ने कहा कि सौरजित पाल, सेबक भट्टाचार्य, मनीष आचार्जी, अंग्शु देबबर्मा, रंजीत देबबर्मा और हनीफ अली‌ वाले एक प्रतिनिधि मंडल ने पश्चिम के पुलिस सुपरिटेंडेंट से मुलाकात की और इस तलाशी में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ कानूनी करवाई करने की मांग की.

वहीं प्रेस क्लब का ये भी कहना है कि एसपी ने तीन दिन के अंदर करवाई करने का वादा किया है. अगर कोई करवाई नहीं हुई तो संवैधानिक तरीके से हम पत्रकार मिल कर विरोध प्रदर्शन करेंगे.

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए सब डिविजनल पुलिस ऑफिसर हिमाद्रि प्रसाद ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा कि ऐसी कोई तलाशी नहीं हुई है.

फरवरी 2021 में राइट एंड रिस्क एनालिसिस ग्रुप के जरिए जारी की गई रिपोर्ट कहती है कि सबसे ज्यादा पत्रकारों को निशाना बनाए जाने वाले राज्यों में त्रिपुरा एक ऐसा राज्य है, जो इस श्रेणी में ‌जम्मू और कश्मीर, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश के बाद आता है.

2020 में एक स्थानीय पत्रकार ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया था कि पत्रकारों को डराने-धमकाने और उनके खिलाफ हिंसा में अभूतपूर्व बढ़ोतरी देखी गई है.

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