बीते साल अफगानिस्तान में तबिलान से साथ चल रहे संघर्ष को कवर करने के दौरान भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी की हत्या कर दी गई थी.
दिवंगत फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी को फीचर फोटोग्राफी श्रेणी में प्रतिष्ठित पुलित्जर पुरस्कार 2022 से सम्मानित किया गया है. यह अवॉर्ड उन्हें भारत में कोविड-19 के दौरान ली गईं तस्वीरों के लिए मिला है. भारत में कोरोनावायरस के दौरान की यह तस्वीरें दुनियाभर में चर्चा की विषय बनी थीं.
दानिश सिद्दीकी के अलावा तीन अन्य भारतीय फोटो पत्रकारों को भी यह सम्मान मिला है. ‘द पुलित्जर प्राइज’ की वेबसाइट के अनुसार समाचार एजेंसी ‘रॉयटर्स’ के सिद्दीकी, अदनान आबिदी, सना इरशाद मट्टू और अमित दवे को इस पुरस्कार से नवाजा गया है.
वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने इस मौके पर लिखा, 'मरहूम फ़ोटो-पत्रकार दानिश सिद्दीक़ी को मरणोपरांत सही, एक और पुलित्ज़र अवार्ड से नवाज़ा गया. कोरोना की मार में शासन की काहिली और लाशों के अम्बार के बीच उन्होंने हक़ीक़त को अपनी तस्वीरों में कितना बख़ूबी बयान किया था. एक जांबाज़ और माहिर छविकार को स्मृतिनमन.''
बता दें कि पिछले साल 16 जुलाई को दानिश सिद्दीकी ने अफगानिस्तान और तालिबान की जंग को कवर करते हुए कंधार में अपनी जान गवा दी थी. इस दौरान वह अफगानिस्तान फोर्स के साथ एक गाड़ी में थे जो कि तालिबानियों का शिकार बन गई थी.
यह पहली बार नहीं है जब दानिश सिद्दीकी को पुलित्जर मिला है इससे पहले भी रॉयटर्स के लिए म्यांमार रोहिंग्या विवाद के दौरान खींची गई तस्वीरों के लिए उन्हें 2018 में भी फीचर फोटोग्राफी श्रेणी में पुलित्जर मिला था. उन्होंने बड़े पैमाने पर अफगानिस्तान तालिबान जंग, हांगकांग प्रोटेस्ट, म्यांमार रोहिंग्या विवाद, नेपाल भूकंप और कई एशिया के अहम इवेंट्स, मिडिल ईस्ट और यूरोप में कवर किए हैं.
दानिश सिद्दीकी ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया, युनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स की डिग्री हासिल की थी साथ ही इन्होंने यहीं से मास कम्युनिकेशन की भी पढ़ाई की थी.
इन्होंने अपने करियर की शुरूआत टेलीविजन न्यूज़ में कोरेस्पोंडेंट के तौर पर की थी बाद में फोटो जर्नलिज्म में चले गए और 2010 में इंटर्न के तौर पर रॉयटर्स से जुड़ गए.
बता दें कि फोटो जर्नलिस्ट अदनान आबिदी को यह पुरस्कार तीसरी बार मिला है. 2017 में अदनान और दिवंगत दानिश सिद्दीकी फीचर फोटोग्राफी श्रेणी में पुलित्जर पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय बने. यह पुरस्कार उन्हें रोहिंग्या पलायन कवर करने के लिए दिया गया था. 2020 में दूसरी बार अदनान ने यह पुरस्कार 2019–20 के हांगकांग विरोध प्रदर्शन की कवरेज के लिए ब्रेकिंग न्यूज़ फोटोग्राफी श्रेणी में जीता, इस बार उन्होंने यह पुरस्कार भारतीय फोटो जर्नलिस्ट और इस प्रोजेक्ट में उनकी साथी अनुश्री फडणवीस के साथ साझा किया.
न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के लिए काम करने वाले अदनान आबिदी दिल्ली, सना मट्टू कश्मीर और अमित दवे अहमदाबाद की स्थानीय एवं राष्ट्रीय ख़बरें कवर करते हैं.