न्यूज़-18 इंडिया के एंकर के ऊपर राजस्थान के अलवर में अतिक्रमण कार्रवाई को जहांगीरपुरी का बदला बताने संबंधी फर्जी और भ्रामक शो प्रसारित करके लोगों को उकसाने का आरोप है.
न्यूज़-18 इंडिया के एंकर अमन चोपड़ा की मुसीबतें बढ़ सकती हैं. राजस्थान के बूंदी और डूंगरपुर जिले में उनके खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर के बाद अब राजस्थान पुलिस उन्हें नोएडा-दिल्ली में ढूंढ़ रही है.
राजस्थान पुलिस की कई टीमें उनकी तलाश में हैं. पुलिस की एक टीम अमन चोपड़ा की खोज करते हुए एक मई को उनके नोएडा स्थित दफ्तर भी गई थी, लेकिन वो नहीं मिले. हमने पाया कि दो और तीन मई को अमन चोपड़ा ने अपना शो “देश नहीं झुकने देंगे” की एंकरिंग भी नहीं की है.
दो मई को चोपड़ा की जगह लाउडस्पीकर विवाद पर रीमा प्रसाद ने शो किया. वहीं मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी के डेनमार्क दौरे को लेकर प्रीति रघुनंदन ने शो किया.
चोपड़ा के खिलाफ सांप्रदायिक वैमनस्यता बढ़ाने, साजिश रचने और दंगे भड़काने के अलावा देशद्रोह की गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है. उनके खिलाफ दो एफआईआर दर्ज हुई है. एक केस बूंदी जिले के सदर बूंदी थाने में दर्ज किया गया है. वहां पर आईपीसी की धारा 153ए, 295, 295ए, 120बी लगाई गई है. वहीं दूसरी एफआईआर डूंगरपुर जिले के बिछीवाड़ा थाने में दर्ज हुई है, जहां 153ए, 295ए, 124ए और 67 धारा के तहत केस दर्ज किया गया है.
बिछीवाड़ा थाने में दर्ज केस को बाद में कोतवाली थाने में ट्रांसफर कर दिया गया. डूंगरपुर कोतवाली के एसएचओ दिलीप दान न्यूज़लॉन्ड्री को बताते हैं, ”हमारी 5-6 लोगों की टीम राजस्थान से दिल्ली-नोएडा गई थी. मैं खुद भी उनके साथ था. हम अमन चोपड़ा को गिरफ्तार करने के लिए नोएडा स्थित उनके दफ्तर पहुंचे थे. लेकिन वह हमें नहीं मिले. हम उनके दफ्तर में सीआरपीसी की धारा 91 का एक नोटिस देकर आए हैं जिसका जवाब देने के लिए पांच मई तक का समय दिया गया है. अगर वह पांच मई तक अपना जवाब दाखिल नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ फिर सीआरपीसी की धारा 93 के तहत कार्यवाही की जाएगी.”
दान आगे कहते हैं, “हमने 91 के नोटिस के तहत जांच के लिए कुछ दस्तावेज मांगे हैं. उस एपिसोड की कॉपी, स्क्रिप्ट किसने लिखी, प्रोग्राम का प्रोड्यूसर कौन है, साथ ही इनके नाम, पतों की भी जानकारी मांगी गई है.”
बूंदी जिले के एसपी जय यादव ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, “सदर बूंदी थाने में दर्ज केस को लेकर अभी जांच चल रही है. इसमें आईटी अधिनियम की धाराएं भी लगी हैं जिसको लेकर हमने ट्विटर से भी जवाब मांगा है. जांच पूरी होने के बाद कार्रवाई की जाएगी.”
न्यूज़ 18 इंडिया के एक कर्मचारी नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताते हैं, "पुलिस का नोटिस मिला है. लेकिन उससे ज्यादा कुछ नहीं हुआ. चोपड़ा शो क्यों नहीं कर रहे हैं उसको लेकर कुछ कहा नहीं जा सकता. लेकिन वो ऑफिस में नहीं दिख रहे हैं. राजस्थान पुलिस की टीम दफ्तर आई थी."
तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अमन चोपड़ा को गिरफ्तार करने की मांग हो रही है वहीं बीजेपी नेता उनका बचाव कर रहे हैं. राजस्थान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने एंकर के खिलाफ हो रही कार्रवाई को लेकर राजस्थान सरकार पर निशाना साधा है. वहीं बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने भी अमन चोपड़ा के समर्थन में ट्वीट किया.
अमन चोपड़ा के शो नहीं करने और राजस्थान पुलिस की नोटिस के बारे में हमने न्यूज़-18 इंडिया के मैनेजिंग एडिटर किशोर अजवाणी से बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. हमने उन्हें कुछ सवाल भेजे हैं. उनका जवाब आने पर खबर में जोड़ दिया जाएगा.
क्या कहा था अमन चोपड़ा ने
अमन चोपड़ा ने 22 अप्रैल को अपने शो “देश नहीं झुकने देगें” में राजस्थान के अलवर में हुई अतिक्रमण की कार्रवाई को दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई कार्रवाई का बदला बताया था.
शो में अमन बार-बार "जहांगीरपुरी वाला बदला, महादेव पर हमला" लाइन को दोहरा रहे थे. दर्शकों को वो बता रहे थे कि जहांगीरपुरी में जो बुलडोजर से अवैध अतिक्रमण को हटाया गया है उसके बदले राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने अलवर में 300 साल पुराना मंदिर तोड़ दिया.
वह शो के दौरान कहते हैं, "यह कोई इत्तेफाक नहीं है कि दो दिन पहले ही जहांगीरपुरी में मस्जिद के गेट पर बुलडोजर चला है और राजस्थान के अलवर में तीन मंदिर तोड़ दिए गए. इनमें एक 300 साल पुराना मंदिर था. अब यह कोई इत्तेफाक है या कुछ कनेक्शन है. ये जहांगीरपुरी का बदला है क्या? 20 अप्रैल को मस्जिद के गेट पर बुलडोजर और दो दिन बाद 22 अप्रैल को मंदिर पर बुलडोजर. इतना बड़ा संयोग कैसे हो सकता है, क्या ये प्रयोग है."
शो पर सवाल उठने के बाद इसके यूट्यूब पर मौजूद वीडियो को भी प्राइवेट कर दिया गया और अमन चोपड़ा ने अपना ट्वीट भी डिलीट कर दिया.
अमन ने पूरी तरह से गलत जानकारी शो के जरिए फैलाई. सच यह है कि अलवर में अतिक्रमण ढहाने की कार्रवाई 17 अप्रैल को की गई थी. जिसमें एक मंदिर को भी तोड़ा गया था. यह कार्रवाई जहांगीरपुरी में मस्जिद का गेट तोड़ने से तीन दिन पहले हुई थी. जहांगीरपुरी में अतिक्रमण की कार्रवाई 20 अप्रैल को की गई थी. इसके बावजूद अमन ने इसे बदला बताया और 22 अप्रैल की घटना बताया.
अलवर की कार्रवाई पर विवाद उठने के बाद अलवर के जिलाधिकारी शिव प्रसाद नकाते ने एक प्रेस रिलीज जारी कर पूरे प्रकरण पर विस्तार से अपना पक्ष रखा था. उन्होंने बताया कि नगरपालिका की बैठक में सर्वसम्मति से मास्टर प्लान को लागू करने में आ रही बाधाओं को हटाने का फैसला लिया गया था.
बता दें कि राजगढ़ की नगर पालिका में बीजेपी पूर्ण बहुमत में है. पार्टी के 32 सदस्य है वहीं कांग्रेस का एक सदस्य है, दो निर्दलीय पार्षद हैं.
अलवर की घटना को गलत तरीके से, तोड़-मरोड़ कर सिर्फ न्यूज़-18 इंडिया ने ही नहीं दिखाया था. कई अन्य चैनलों ने भी इस घटना को ऐसे ही तोड़-मरोड़ कर दिखाया. मंदिर गिराए जाने की घटना के बाद प्रदेश में राजनीति तेज हो गई है. प्रदेश सरकार ने मामले में कार्रवाई करते हुए राजगढ़ के उपखंड अधिकारी केशव मीणा, नगरपालिका ईओ बनवारीलाल मीणा और राजगढ़ नगर पालिका अध्यक्ष सतीश दुहरिया को निलंबित कर दिया है. कांग्रेस ने कहा कि वह वहीं फिर से मंदिर बनाएगी.