दिल्ली के समयपुर बादली में छह महीने की बच्ची और उसकी 14 साल की मानसिक रूप से अक्षम बहन के साथ कथित बलात्कार की घटना को अंजाम देने के लिए आरोपी उन्हें टॉयलेट ले गए.
न्यूज़लॉन्ड्री ने पाया कि दोनों बच्चियों के शरीर पर घाव हैं. बड़ी बेटी के हाथ पर इंजेक्शन के निशान भी देखे जा सकते हैं. वहीं 6 महीने की बच्ची के निजी अंग पर घाव और सूजन है. यहीं मेडिकल रिपोर्ट में भी सामने आया है. हालांकि पुलिस का कहना है कि अभी तक रेप की पुष्टि नहीं की जा सकती है. डीसीपी पुलिस (बाहरी उत्तर) बृजेंद्र कुमार यादव कहते हैं, “फॉरेंसिक, सीसीटीवी, कई चीजें देखी जाती हैं. आरोपियों की पहचान कर ली गई है. मामला आगे जांच के आधीन है.”
हालांकि एसएचओ (बादली) केआर मीणा ने रेप की पुष्टि की है. लेकिन बृजेन्द्र कुमार ने कहा, “एसएचओ के पास अथॉरिटी नहीं है.”
कौन हैं आरोपी?
दोनों आरोपी 35 वर्षीय राजू और 40 वर्षीय चिनू जहांगीरपुरी के निवासी हैं. राजू पिछले 8-10 साल से बादली के लिबासपुर में केमिस्ट की एक दुकान चला रहा था. चिनू, राजू से दोस्ती के चलते कभी-कभी दुकान पर आया करता था.
स्थानीय लोगों ने बताया कि राजू कॉलोनी का लीडर बनना चाहता था और इसलिए हर मामले में कूद जाता था.
मनविंदर सिंह का राजू की दुकान की बगल में प्रॉपर्टी डीलर का दफ्तर है. मनविंदर ने हमें बताया कि उनके पिता और राजू के पिता कभी दोस्त रहे थे क्योंकि वे उन चुनिंदा लोगों में थे जिन्होंने सबसे पहले इस इलाके में जमीन खरीदी थी. पिछले 10 साल से राजू अपनी केमिस्ट की दुकान उस जमीन पर ही चला रहा है.
मनविंदर ने हमें बताया, “राजू पिछले तीन साल से शराब का आदि हो गया था. उसके अंकल बच्छत्तर सिंह का घर बगल वाली गली में है. वह और चिनू अक्सर शराब पीने और खाना खाने वही जाते थे.”
बता दें कि बच्छत्तर सिंह का घर बच्चियों के घर के बिलकुल सामने बना हुआ है. फिलहाल घटना के बाद से ही उस पर ताला लगा हुआ है.
यह पूरी घटना अखिलेश कुमार की फैक्ट्री की छत पर बने टॉयलेट में हुई थी. हमने अखिलेश से भी बात की. उन्होंने बताया, “मैं राजू को जानता था क्योंकि उसकी दुकान वहीं बनी है. चिनू के बारे में किसी को नहीं पता वह कौन है. राजू टॉयलेट का उपयोग करता रहता था क्योंकि उसकी दुकान पर टॉयलेट नहीं था.”
राजू के भाई यश वाधवा ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, “हम चार भाई हैं. राजू की हम में से किसी से नहीं बनती है. 2015 में सभी भाई अलग हो गए. पिता ने सब भाईयों को उनका-उनका हिस्सा देकर अलग कर दिया. तब से हम राजू से अलग रहते हैं.”
हमने चिनू के परिवार से भी संपर्क करने की भी कोशिश की लेकिन उन्होंने बात करने से मना कर दिया.
14 साल की बच्ची नहीं जानती उसके साथ क्या हुआ. वह बचपन से ही दिमागी तौर पर कमजोर है. उसका इलाज उदयपुर में चल रहा था लेकिन परिवार कि आर्थिक स्थिति सही नहीं होने के चलते पिछले दो साल से उसका इलाज नहीं हो पा रहा है.
बच्ची के पिता के चेहरे पर उदासी है. वह कहते हैं, “हम बहुत गरीब हैं. मुझे नहीं पता इन दोनों लड़कियों का आगे का भविष्य क्या होगा.”
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