कोर्ट का आदेश भेजे जाने के बावजूद नगर निगम ने कार्रवाई पर रोक नहीं लगाई.
दिल्ली के जहांगीरपुरी में उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा हटाए जा रहे अवैध अतिक्रमण पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. लेकिन रोक के बावजूद नगर निगम की कार्रवाई जारी है. इस बीच याचिकाकर्ता एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना के पास पहुंचे. जहां मुख्य न्यायाधीश ने उन्हें रजिस्ट्रार जनरल के पास जाने को कहा.
बुलडोजर चलाने की कार्रवाई को रोकने के लिए जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए जल्द सुनवाई की मांग की थी. इनकी ओर से वकील एमआर शमशाद थे.
वकील शमशाद के सहयोगी शशांक न्यूज़लॉन्ड्री से कहते हैं, “सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश की बेंच ने याचिका पर सुबह करीब 10:30 बजे सुनवाई शुरू की. जो 11:15 पर खत्म हो गई. जिसके बाद हमने 11:30 बजे कोर्ट का आदेश उत्तरी दिल्ली नगर निगम, दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को भेज दिया.”
कोर्ट का आदेश भेजे जाने के बावजूद निगम ने कार्रवाई पर रोक नहीं लगाई. निगम के कर्मचारियों का कहना है कि यह तोड़फोड़ तब तक चलती रहेगी जब तक सुप्रीम कोर्ट का आर्डर उनके हाथ में नहीं आ जायेगा.
उत्तर दिल्ली नगर निगम के मेयर राजा इकबाल सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे और उसके हिसाब से एक्शन लेंगे. उन्होंने आगे बताया कि हमने फिलहाल अवैध निर्माण को ढहाने की कार्रवाई रोक दी है.
हालांकि निगम की कार्रवाई उसके बाद भी जारी है. निगम ने जहांगीरपुरी में स्थित जामा मस्जिद के गेट को तोड़ दिया है.
गौरतलब है कि शनिवार को हनुमान जयंती के दिन दिल्ली के जहांगीरपुरी में शोभा यात्रा के दौरान दो समुदाय के बीच हिंसा भड़क उठी थी. इसमें दिल्ली पुलिस के जवानों के साथ आम लोग घायल हुए थे. उसके बाद पुलिस ने अब तक नाबालिग समेत 26 लोगों को गिरफ्तार किया है. इस घटना के बाद ही उत्तरी दिल्ली नगर निगम की तरफ से चिट्ठी लिखकर जहांगीरपुरी में अवैध निर्माण हटाने की इजाजत मांगी गई थी.