दिल्ली के जहांगीरपुरी में शनिवार शाम दो समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए. इस दौरान पथराव और आगजनी की गई.
देशभर में रामनवमी के दिन हुई हिंसा को अभी कुछ दिन भी नहीं गुजरे हैं कि हनुमान जन्मोत्सव पर हिंसा की खबरें आने लगीं. शनिवार को राजधानी दिल्ली में दो समुदाय हनुमान जयंती पर निकाली गई शोभायात्रा के दौरान आपस में भिड़ गए.
इस दौरान उत्तर पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी में पथराव और आगजनी में आम लोगों के साथ-साथ छह पुलिसकर्मी भी घायल हो गए. हालांकि समय रहते पुलिस ने हालात को काबू में कर लिया.
हिंसा की तस्वीरें सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस ने अतिरिक्त जवानों को घटना स्थल पर भेजा. एहतियातन दिल्ली के ज्यादातर संवेदनशील माने जाने वाले जगहों पर भारी पुलिसबल की तैनाती की गई.
बीबीसी ने पीटीआई के हवाले से बताया, "एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ये एक पारंपरिक जुलूस था और पुलिसकर्मी भी जुलूस के साथ जा रहे थे. कुशल सिनेमा के पास पहुंचते ही दो समुदायों के बीच झड़प हो गई.'' उन्होंने बताया कि हिंसा को रोकने की कोशिश में मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी घायल हो गए."
दिल्ली के पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थान ने इसकी जानकारी ट्वीट कर दी. उन्होंने लिखा, "उत्तर पश्चिमी जिले में हुई घटना में स्थिति पूरी तरह काबू में है. पर्याप्त संख्या में अतिरिक्त पुलिस बल को जहांगीरपुरी और अन्य संवेदनशील इलाकों में तैनात कर दिया गया है. उच्च पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वो इलाके में सघन पेट्रोलिंग करें और हालात पर लगातार नजर रखें."
अस्थाना ने लोगों को अफवाहों से बचने के लिए अपील करते हुए लिखा, "कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की किसी भी कोशिश पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. जनता से निवेदन है की वह अफवाहों और फेक न्यूज़ पर ध्यान न दें."
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस ने मामले में पूछताछ के लिए देर रात 15 संदिग्धों को हिरासत में लिया है.
घटना स्थल पर पहुंचे दिल्ली के कानून और व्यवस्था के विशेष पुलिस आयुक्त दीपेंद्र पाठक ने कहा, "हमने यहां सुरक्षा की पूरी व्यवस्था की है. लोगों से अपील है कि वह शांति व्यवस्था बनाए रखें और किसी भी तरह की अफवाह में न पड़ें. एक जुलूस के दौरान दो गुटों के बीच झड़प हुई थी. हम लोग मामले की जांच कर रहे हैं."
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घटना के बाद लोगो से शांति बनाए रखने की अपील की साथ ही केंद्र सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े करते हुए कहा, "लोगों से कहना चाहता हूं कि उन्हें शांति व्यवस्था बनाए रखनी है क्योंकि बिना उसके देश तरक्की नहीं कर सकता. एजेसिंया, पुलिस और दिल्ली में केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है तो केंद्र सरकार दिल्ली में शांति व्यवस्था बनाए रखे."
भाजपा नेताओं ने इसे साजिश बताया है. दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी ने ट्वीट किया, "हनुमान जन्मोत्सव पर आज जहांगीरपुरी दिल्ली में पथराव की घटना हुई. ये राजधानी दिल्ली में एक बड़ी साजिश के तहत हो रहा है इसकी तत्काल जांच कर दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिले. सबसे अपील है सद्भावना बनाए रखें."
वहीं दिल्ली के भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने वीडियो बयान जारी कर घटना को साजिश का हिस्सा बताया और साथ ही केजरीवाल सरकार पर सवाल खड़े किए. गुप्ता ने लिखा, "आज जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के अवसर पर निकाली जा रही शोभायात्रा पर पथराव की घटना एक संयोग नहीं बल्कि बहुत बड़ी साजिश है, भाजपा इसकी निंदा करती है."
साथ ही गुप्ता ने बताया कि भाजपा के 10 लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल जांच के लिए घटना स्थल पर जाएगा. उन्होंने लिखा, "दिल्ली भाजपा का एक डेलिगेशन जहांगीरपुरी इलाके में जाएगा और पथराव की घटना की जांच करेगा. मैं इसको लेकर स्वयं गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करूंगा. मैं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से पूछना चाहता हूं कि रोहिंग्या और बांग्लादेशियों को आप बिजली पानी मुहैया क्यों करा रहे हैं?"
जहां भाजपा और आप एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. वही कांग्रेस ने शांति बनाए रखने के साथ ही दोनों दलों पर दिल्ली में अशांति के आरोप लगाए.
कांग्रेस नेता अल्का लांबा ने ट्वीट कर लिखा, "जिस दिल्ली की पहचान "दिल वालों की दिल्ली" थी, आज - "दंगों वाली दिल्ली" बन गई है. दिल्ली जब से #AAP और #BJP के हाथों में गई है तब से दिल्ली जल रही है -धार्मिक उन्माद, नफरत अपने चरम पर आ पहुंचा है."
बता दे की, फरवरी 2020 में दिल्ली ने हिंसा की भयावह तस्वीर देखी है. जहां सीएए प्रोटेस्ट के दौरान उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे के दौरान 50 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.