सभापति वेंकैया नायडू ने नियम 267 के तहत इस मुद्दे को उठाने की अनुमति नहीं दी, कुछ टिप्पणियों को हटाने का आदेश दिया.
कांग्रेस ने बुधवार को राज्यसभा में विवादास्पद यति नरसिंहानंद सरस्वती के हिंदुओं को हथियार उठाने के आह्वान और देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत भरे भाषणों की घटनाओं में वृद्धि के मुद्दे को उठाया.
पीटीआई की खबर के मुताबिक, मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उन्होंने देश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हेटस्पीच की घटनाओं और न्यूज़लॉन्ड्री, क्विंट और आर्टिकल 14 सहित अन्य ऑनलाइन मीडिया प्लेटफॉर्म के पत्रकारों के उत्पीड़न के बारे में नियम 267 के तहत नोटिस दिया है.
हालांकि, सभापति एम वेंकैया नायडू ने नियम 267 के तहत इस मुद्दे को उठाने की अनुमति नहीं दी, साथ ही एक विशेष अल्पसंख्यक समुदाय की हत्या के लिए यति द्वारा कथित कॉल के संदर्भों को रिकॉर्ड से हटाने का भी आदेश दिया. उन्होंने कहा, "यह रिकॉर्ड में नहीं जाएगा. किसी भी समुदाय का नाम रिकॉर्ड में नहीं जाएगा.”
खड़गे ने नरसिंहानंद के भाषणों के संदर्भ में कहा, "यति हरिद्वार से दिल्ली तक भड़काऊ भाषण दे रहे हैं. रविवार को, एक स्वामी ने कहा कि सभी ... (नायडू के आदेश पर समुदाय का नाम हटा दिया गया) को कुचल दिया जाना चाहिए."
नायडू ने कहा, “हमें उन शब्दों को नहीं बोलना चाहिए, जो अर्थहीन बातें उन्होंने कहीं. इससे समस्या का समाधान नहीं होने वाला है. मैंने इसकी अनुमति नहीं दी है... किसी को भी किसी समुदाय, अल्पसंख्यक या बहुसंख्यक के खिलाफ अभद्र भाषा का उपयोग नहीं करना चाहिए.”
नायडू ने कहा कि उन्होंने बढ़ती कीमतों और नफरत भरे भाषणों के मामलों पर नियम 267 के तहत खड़गे, सुष्मिता देव, लुइज़िन्हो जोआकिम फलेरियो और मोहम्मद नदीमुल हक द्वारा दिए गए नोटिस की अनुमति नहीं दी है. उन्होंने कहा, "वे 267 के दायरे में नहीं आते हैं. यहां तक कि अगर आप हर दिन नोटिस देते हैं और अगर यह उस नियम के दायरे में नहीं आते तो मैं सदन में उसे अलाउ नहीं करूंगा.”
बता दें कि, डासना देवी मंदिर के मुख्य पुजारी यति नरसिंहानंद ने रविवार को एक बार फिर से भडकाऊ बयान दिया. जिसमें उन्होंने हिंदुओं से हथियार उठाने का आह्वान किया. बुराड़ी में आयोजित इस कार्यक्रम में न्यूज़लॉन्ड्री के दो पत्रकारों सहित सात पत्रकारों पर हमला किया गया. साथ ही इस मामले में एक पत्रकार और एक समाचार संगठन के खिलाफ चार प्राथमिकी दर्ज की गई हैं.