रैना ने हमसे कहा, "ऐसा नहीं है कि रिपोर्टर्स में इस तरह के सवाल करने की हिम्मत नहीं है. लेकिन इससे पहले किसी ने भी यह सवाल इसलिए नहीं पूछा क्योंकि उन्हें ऐसा करने के लिए मना किया गया था. और इसके पीछे का कारण है पतंजलि से मिलने वाले विज्ञापन. न्यूज़ चैनल विज्ञापन के बिना काम नहीं कर सकते. मैंने अपना खुद का न्यूज़ प्लेटफॉर्म इसीलिए शुरू किया क्योंकि न्यूज़ चैनल्स हमसे केवल ऐसी ही स्टोरीज कराना चाहते थे जिसमें कि कहीं से भी सरकार की कोई नकारात्मक छवि न दिखे."
उनका यह भी कहना है कि सोशल मीडिया पर अपलोडेड वीडियो के नीचे आने वाले कमेंट्स में से कई कमेंट्स रामदेव के वफादार लोगों और भाजपा समर्थकों के हैं जिनमें ये कहा गया है कि वो सवाल रामदेव से नहीं पूछे जाने चाहिए थे. "ये सवाल मेरा नहीं है बल्कि 135 करोड़ भारतीयों का है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वो बाबा हैं या एक आम आदमी, ये तो 135 करोड़ भारतीयों की आवाज है जिसका जवाब दिए जाने की जरूरत है. मुझे नहीं समझ में आता कि वो क्यों बरस पड़ें - क्या बाबाओं को शांत स्वभाव वाला नहीं होना चाहिए?"
रैना ने बताया कि वो काफी समय से यह सवाल पूछने का इंतजार कर रहे थे. वो जब भी पेट्रोल के दाम बढ़ने की खबरें सुनते उन्हें यूपीए सरकार के दौरान रामदेव का दिया बयान याद आ जाता है. रैना ने यह भी बताया कि वो सरकार और विपक्ष के करीब 20 नेताओं से बाबा के इस "पाखंड" को लेकर सवाल कर चुके हैं लेकिन उन्हें यही जवाब मिलता है कि रामदेव अब एक "व्यापारी" बन चुके हैं.
वीडियो में रामदेव तेल की कीमतों के बढ़ते दामों का समर्थन करते हुए भी नजर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि "सरकार का कहना है कि अगर तेल की कीमतें कम ही रहेंगी तो उन्हें टैक्स नहीं मिलेगा. तो, ऐसे में वो देश कैसे चला पाएगी, मिलिट्री का खर्च कैसे उठाएगी, सड़कें कैसे बनाएगी... सभी को मेहनत करनी चाहिए. यहां तक कि एक सन्यासी होकर भी मैं सुबह 4 बजे से रात के 10 बजे तक काम करता हूं."
जब रिपोर्टर ने बाबा से पूछा कि उन्हें अब "लाला रामदेव" क्यों कहा जाता है तो इस पर पतंजलि के संस्थापक ने उन्हीं से सवाल कर लिया कि इससे उनके पेट में क्यों दर्द हो रहा है. रैना ने कहा कि उस आयोजन में जब भी रामदेव उन पर बरसते वहां मौजूद लोग उन पर हंसने लगते. वीडियो के वायरल हो जाने के बाद लोगों ने उन्हें एफआईआर कराने को कहा लेकिन रैना ऐसा नहीं करना चाहते.
पत्रकार संजय रैना का कहना है कि तेल की बढ़ती कीमतें उनकी कमाई के अनुरूप नहीं हैं जिस कारण उन्होंने मोटरसाइकिल की जगह अपनी पुरानी साइकिल वापस बाहर निकाल ली है. "मैं केवल जनता की भलाई के लिए यह सवाल करना चाहता था. ये राष्ट्रीय महत्व के और खुद जनता के अपने सवाल हैं. मुझे निजी तौर पर रामदेव से कोई समस्या नहीं है."