2022 इतिहास के सबसे गर्म 10 वर्षों में बना सकता है जगह

इस वर्ष फरवरी 2022 का औसत तापमान 20वीं सदी के औसत तापमान से 0.81 डिग्री सेल्सियस ज्यादा था, जबकि फरवरी 2016 में तापमान 1.26 डिग्री सेल्सियस ज्यादा दर्ज किया गया था.

WrittenBy:ललित मौर्या
Date:
Article image

वहीं अफ्रीका को देखें तो वहां फरवरी में तापमान कहीं हद तक सामान्य के आसपास ही था, जबकि दक्षिण अमेरिका के ज्यादातर हिस्सों में फरवरी का तापमान औसत से कहीं ज्यादा था. वहां इस बार फरवरी का महीना फरवरी 2006 के साथ सम्मिलित रूप से इतिहास का आठवां सबसे गर्म फरवरी था. हालांकि उत्तरी अमेरिका एकमात्र ऐसा महाद्वीप था जहां इस वर्ष फरवरी का तापमान औसत से कम था.

यदि देशों के आधार पर इस महीने तापमान में दर्ज की गई प्रमुख विसंगतियों की बात करें तो स्पेन में इस साल फरवरी का महीना 1961 के बाद तीसरा सबसे सूखा महीना था. वहीं इसके विपरीत प्यूर्टो रिको में भारी बारिश दर्ज की गई थी जिसकी वजह से वहां बाढ़ की स्थिति बन गई थी. इसी तरह ब्राजील के पेट्रोपोलिस में भारी बारिश के चलते बाढ़ आ गई थी. ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में भी भारी बारिश के चलते महीने के आखिर में बाढ़ की स्थिति बन गई थी.

अंटार्कटिक में रिकॉर्ड 30 फीसदी कम दर्ज की गई बर्फ की चादर

यदि उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों को देखें तो इस बार फरवरी में उनकी संख्या सामान्य से ज्यादा थी. इस महीने कुल आठ चक्रवात नामित किए गए, जिनमें से चार हरिकेन जितने शक्तिशाली थे. यदि दक्षिणी हिन्द महासागर को देखें तो कुल पांच उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के साथ वो इस मामले में सबसे ज्यादा सक्रिय बेसिन था.

यदि अंटार्कटिक में जमा बर्फ की चादर को देखें तो फरवरी 2022 में वो अपने रिकॉर्ड न्यूनतम स्तर पर आ गई थी. जब इसकी कुल सीमा करीब 8.3 लाख वर्ग मील दर्ज की गई थी जोकि औसत से करीब 30 फीसदी कम थी. गौरतलब है कि इससे पहले फरवरी 2017 के दौरान अंटार्कटिक में इतनी कम बर्फ जमा थी. इसी तरह आर्कटिक में भी फरवरी 2022 के दौरान जमा बर्फ सामान्य से 4.5 फीसदी कम थी, जोकि 44 वर्षों के इतिहास में 14वीं सबसे कम बर्फ की सीमा है.

इस वर्ष 2022 के शुरूआती दो महीनों को देखें तो उनका औसत तापमान उन्हें अब तक का छठा सबसे गर्म बनाता है. इतना ही नहीं एनसीईआई द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक इस बात की 99 फीसदी से ज्यादा सम्भावना है कि 2022 इतिहास के 10 सबसे गर्म वर्षों में शुमार हो सकता है.

(साभार- डाउन टू अर्थ)

Also see
article imageकॉप-26: भारत में 25 गुना तक बढ़ जाएगा लू का कहर!
article image2050 तक सर्दियों की अवधि घटेगी, तेज़ गर्मी, भारी बारिश और बाढ़ की घटनाएं बढ़ेंगी: आईपीसीसी रिपोर्ट

Comments

We take comments from subscribers only!  Subscribe now to post comments! 
Already a subscriber?  Login


You may also like