2017 से 19 के बीच पश्चिम बंगाल, हरियाणा और उत्तराखंड में मातृ मृत्यु अनुपात के मामले में स्थिति पहले के मुकाबले और बदतर हो गई है.
पश्चिम बंगाल, हरियाणा और उत्तराखंड में और खराब हुई है स्थिति
वहीं यदि 2016 - 18 से तुलना करें तो उत्तरप्रदेश, राजस्थान और बिहार में सबसे ज्यादा सुधार आया है. आंकड़ों के मुताबिक जहां उत्तरप्रदेश में मातृ मृत्यु अनुपात में 30 प्रति लाख का सुधार आया है. वहीं राजस्थान में 23 और बिहार में 19 की कमी आई है. हालांकि इसके बावजूद इन राज्यों में मातृ मृत्यु अनुपात काफी ऊंचा है.
जबकि इसके विपरीत पश्चिम बंगाल, हरियाणा, उत्तराखंड और छत्तीसगढ ऐसे राज्य थे जहां एमएमआर में वृद्धि दर्ज की गई है. इस दौरान पश्चिम बंगाल में 11 प्रति लाख की वृद्धि हुई है जिसके चलते एमएमआर 98 से बढ़कर 109 पर पहुंच गया है. इसी तरह हरियाणा में पांच और उत्तराखंड में दो प्रति लाख की वृद्धि हुई है.
ऐसे में यदि भारत को एमएमआर के लिए जारी एसडीजी को हासिल करना है तो उसे स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी मेहनत करनी होगी. विशेष रूप से महिलाओं के स्वास्थ्य पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है.
(डाउन टू अर्थ से साभार)