हर उस शख़्स का आभार जिसकी वजह से विज्ञापन मुक्त पत्रकारिता और मीडिया की समीक्षा का पूरा एक दशक संभव हो पाया.
हजारों लोगों के पास ऐसे दफ्तर, घर या फिर इसी तरह की प्रॉपर्टी हैं, जो खाली पड़ी रहती हैं. इतने सारे संसाधनों का इस्तेमाल कर, उनकी असली कीमत पहचानने (वैल्यू अनलॉकिंग) में लगातार देरी हो रही है और ये बताने के लिए हमें किसी बड़ी परामर्शदाता कंपनी की ज़रूरत नहीं. यहां ऐसे संसाधनों की बात हो रही है जो बिल्कुल दुरुस्त हैं लेकिन फिलहाल उनसे कोई काम नहीं लिया जा रहा.
कॉर्पोरेशन्स में अक्सर अतिरिक्त क्षमता के तौर पर देखे जाने वाले लोगों और उनके छोटे-मोटे कारोबारों, दफ्तरों और घरों में मौजूद रहे वाले संसाधन. जब भी हमें बड़ी-बड़ी संस्थाओं से कानूनी नोटिस आते हैं, तो एक पूरे अनुच्छेद में केवल इसी बात का ज़िक्र होता है कि नोटिस भेजने वाली कंपनी कितनी बड़ी है और पूरे देश में उसके कितने दफ्तर हैं. मैंने हमेशा ये सोचा है कि आखिर नोटिस में इसकी क्या जरूरत है? लेकिन फिलहाल के लिए इस सवाल को छोड़ दीजिए और मान लीजिए कि आपके पास कुछ ऐसे संसाधन हैं जो आप एक न्यूज़ ऑर्गेनाईजेशन टीम को उसकी मंजिल की ओर बढ़ने में मदद करने के लिए दो घंटे से लेकर 48 घंटे तक के लिए दे सकते हैं.
आप में से कुछ लोगों ने अपने वाहन या दफ्तर के लिए जगह देकर अतीत में हमारी मदद की है. ये संसाधन ग्राउंड रिपोर्टिंग में बेहद मददगार साबित हो सकते हैं क्योंकि सफर और उसके किराए की लागत अक्सर कई न्यूज़ ऑर्गेनाइजेशन के लिए एक हताशा पैदा करने वाली चीज़ होती है.
इसीलिए अब हमारा अगला कदम फ्रेंड्स ऑफ एनएल डेटाबेस होगा (जिसे हम एनएल हाइव या एनएल ग्रिड कह सकते हैं). जिस तरह न्यूज़लॉन्ड्री के हजारों (और उम्मीद है कि भविष्य में लाखों-करोड़ों भी हो सकते हैं) ग्राहक हैं, कल्पना कीजिए अगर उनमें से एक बड़ी संख्या एनएल ग्रिड या हाइव में शामिल हो जाती है, तो देश में कहीं भी कोई भी टीम उस नेटवर्क के किसी भी छोर से दो घंटे से ज्यादा की ड्राइव से दूर नहीं होगी. एचडी वीडियो के लिए ब्रॉडबैंड हो, बोर्डिंग के लिए कमरा, क्रू के लिए खाना, रिपोर्टर के लिए वाहन, सेट, स्टूडियो या रिकॉर्डिंग के लिए जगह, यह सब पूरी तरह बदल सकता है. लेकिन यह सब इस पर निर्भर करता है कि न्यूज़ संस्थानों की संरचना और संपत्ति को हम किस तरह देखते हैं. यह वास्तव में आपसी सहयोग पर आधारित एक मिशन होगा.
इसके अलावा यह भी बहुत अच्छा रहेगा कि जब भी कोई मेगा कॉरपोरेशन हमें कानूनी नोटिस भेजकर बताए कि उनके देश भर में 44 दफ्तर हैं, तो हम इस बात का जवाब देते हुए कह पाएंगे कि- "बस इतना ही? हमारे पास 2,000 नोड्स वाली एक पूरी ग्रिड है, लेकिन परेशानी की कोई बात नहीं, एक दिन आप भी वहां तक पहुंच जाएंगे." न्यूज़ की संरचना में बदलाव होना चाहिए. न्यूज़ को जनसेवा में बदलने के लिए इसमें योगदान देने वाले लोगों का बहुत बड़ा नेटवर्क होना चाहिए. यही हमारी मंजिल का अगला पड़ाव होगा.
वैसे तो आपको न्यूज़लॉन्ड्री ग्रिड का एक हिस्सा बनने के लिए तैयार करना और उसके लिए आपका विश्वास जीतना, एक बड़ा ही मुश्किल काम जान पड़ता है. लेकिन यह भी ख्याल रहे कि आज से 10 साल पहले, एक विज्ञापन-मुक्त वेबसाइट को लेकर भी हमारी सोच बिल्कुल ऐसी ही थी.
एक बार फिर से हमेशा के लिए उन सभी का आभार जिनकी वजह से #NLat10 संभव हो पाया.
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