रूस सरकार ने जर्मनी के मीडिया संस्थान डॉयचे वेले (डीडब्ल्यू) के मॉस्को ब्यूरो को बंद करने का आदेश दिया है. यह आदेश अमेरिका द्वारा जर्मनी में सेना भेजे जाने के फैसले के एक दिन बाद आया है.
डीडब्ल्यू के महानिदेशक पीटर लिम्बर्ग ने एक बयान में कहा, यह फैसला रूस में हो रही घटनाओं के बारे में लिखने की संस्थान की प्रतिबद्धता को और मजबूत करेगा. उन्होंने कहा, "यह फैसला दिखाता है कि रूस की सरकार मीडिया की आजादी और विचारों की आजादी में विश्वास नहीं रखती. अगर हमें देश छोड़ना भी पड़ा, तो भी हम रूस पर अपनी रिपोर्टिंग को और गहन करेंगे.”
बता दें कि जर्मनी ने भी रूसी समाचार संस्था आरटी के प्रसारण को जर्मनी में बैन कर दिया था. जर्मन ब्रॉडकास्टिंग रेगुलेटर ने एक बयान में कहा कि आरटी को इसलिए बैन किया जा रहा है क्योंकि उसके पास जरूरी लाइसेंस नहीं है.
यह कदम यूक्रेन के मुद्दे पर अमेरिका और रूस के बीच बढ़ते तनाव के बाद लिया गया. अमेरिका के समर्थन में नाटो देशों ने भी अपनी सेना को भी बार्डर इलाकों में भेजा है.
डीडब्ल्यू के महानिदेशक ने कहा, रूस के कदम को जर्मनी की प्रतिक्रिया में उठाया हुआ कदम नहीं माना जा सकता क्योंकि रूसी पत्रकारों को अब भी जर्मनी में काम करने की इजाजत है और आरटी व डॉयचे वेले में मूल फर्क यह है कि आरटी एक सरकारी संस्थान है जबकि एक डीडब्ल्यू एक सार्वजनिक सेवा संस्थान है.
रूस के फैसले पर जर्मनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस फैसले से जर्मनी और रूस के संबंधों में तनाव और बढ़ेगा.