निकिता कश्यप ने एक्शन न्यूज़ नेटवर्क के एमडी शान चौधरी पर धर्मपरिवर्तन का आरोप लगाया है. जबकि पुलिस को लिखवाई पहली शिकायत में उन्होंने इसका जिक्र नहीं किया था. क्या है सच?
मामले में हिंदू 'शेरों' की भूमिका
मामला दुनिया के सामने आया जब 8 दिसंबर को एक यूट्यूब चैनल, 'फर्स्ट न्यूज़ विथ आर.बी (राजेश भसीन)' पर आस्था मां और राजेश भसीन ने एक वीडियो बनाई. इस वीडियो में दोनों के साथ निकिता कश्यप भी बैठी थीं जो अपनी आपबीती बताती हैं. इस वीडियो का शीर्षक है, 'प्रेस रिपोर्टर बनाने का झांसा देकर लड़कियों को रखता था नौकरी पर और उसके बाद?'
इस वीडियो में आस्था मां शान चौधरी पर आरोप लगाती हैं कि उन्होंने निकिता के हाथ पकड़े और उसके साथ मारपीट की. वह कहती हैं, "क्या जिहादियों ने अपने दिमाग में यही भर रखा है कि हिंदू लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार करो. ठोक कर रख दूंगी."
इसके बाद भी फेसबुक लाइव के जरिए कई बार आस्था मां ने मुद्दे को उठाया.
राजेश भसीन अपने यूट्यूब चैनल के अलावा एक अन्य यूट्यूब चैनल, 'संवाद नेशन' भी चलाते हैं. इसपर कई बार निकिता कश्यप भी एंकरिंग करते हुए वीडियो में देखी जा सकती हैं. अपने दोनों चैनलों पर राजेश भसीन यति नरसिंहानंद सरस्वती के समर्थन में कई वीडियो बनाकर डालते हैं.
वहीं आस्था मां भी यति नरसिंहानंद सरस्वती की कट्टर समर्थक हैं. जब फरवरी 2021 में दिल्ली के मंगोलपुरी में बजरंग दल के एक कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई, तो हिंदुत्व नेताओं ने हत्या को सांप्रदायिक बनाना शुरू कर दिया, हालांकि दिल्ली पुलिस ने कहा था कि कोई सांप्रदायिक कोण नहीं था. उस दौरान आस्था मां और उनके समर्थकों ने इलाके में मुसलमानों के खिलाफ नफरत भरे भाषण दिए. उन्होंने अपने समर्थकों के साथ पुलिस की मौजूदगी में आरोपी के घर में तोड़फोड़ की और उसे अपने फेसबुक पेज पर प्रसारित किया. आस्था मां अलग-अलग कार्यक्रमों में यति नरसिंहानंद के साथ दिखाई देती हैं.
शान चौधरी के वकील ने इस मामले में राजेश भसीन और आस्था मां के खिलाफ लीगल नोटिस भी भेजा है और सात लाख रूपए मुआवजे की मांग की है.
मामले में क्यों दर्ज है क्रॉस एफआईआर?
इस पूरे मामले में एक क्रॉस एफआईआर भी दर्ज है. यह एफआईआर रिया गुप्ता ने निकिता कश्यप पर दर्ज कराई है. 19 वर्षीय रिया गुप्ता टीम लीडर और मीटिंग मैनेजमेंट का काम संभालती हैं.
19 वर्षीय रिया गुप्ता बताती हैं, "निकिता वीडियो एडिटर से बिना लोगो के वीडियो मांगकर अपने चैनल एनआरएन- नवरोशन पर डाल दिया करती थीं. यह एक तरह की चोरी है. नौकरी ज्वाइन करने के बाद निकिता ने एक लड़के अमन को भी नौकरी पर रखवा लिया. शायद वह उसका बॉयफ्रेंड था. 45 दिन बाद निकिता पूरी प्लानिंग के साथ ऑफिस आई. उसके साथ अमन, उसके पिता और पिता के कुछ दोस्त ऑफिस आए थे. वहां निकिता ने शान चौधरी के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया. सभी सीनियर्स ने उसे समझाया. उस समय मैं निकलकर आई. निकिता और मैं एक ही मोहल्ले में रहते हैं. मैंने भी उसे बहुत समझाने की कोशिश की कि वह अपशब्दों का इस्तेमाल न करे. वह और अमन उल्टा मुझपर चिल्लाने लगे. इतने में अमन ने मुझे भी छुआ. उसके पिता ने भी मेरे साथ बदतमीजी से बात की और धमकी दी. इन लोगों ने मुझे धक्का भी दिया. तब बुशरा मैम ने मुझे बचाया. उसके बाद सब वहां से चले गए."
रिया गुप्ता आगे कहती हैं, "मैं पुलिस स्टेशन गई. मेरे भी 164 के बयान हुए. निकिता के वकील ने उससे धर्मांतरण वाली थ्योरी लिखवाई है. हम में से कभी किसी पर कोई दबाव नहीं बनाया गया."
पुलिस क्या कहती है?
मामले की पड़ताल कर रहे जांच अधिकारी एएसआई कृष्ण कुमार ने हमें बताया कि निकिता ने अपनी पहली शिकायत में धर्मपरिवर्तन जैसी कोई बात का जिक्र नहीं किया था. वह कहते हैं, "निकिता ने जब पहली बार शिकायत दर्ज कराइ थी उसमें धर्मपरिवर्तन का जिक्र नहीं था. लिखित शिकायत में केवल सैलरी को लेकर हुए झगड़े का जिक्र था. दिसंबर के महीने में जब हमने 15-20 दिन बाद उसे 164 के बयान के लिए बुलाया तब उसने धर्मपरिवर्तन की बात हमें बताई लेकिन अब तक कोई भी सबूत देने में वह असफल रही है. हम मामले की जांच कर रहे हैं."
टीम मैनेजर बुशरा बताती हैं कि निकिता के ऑफिस छोड़ने से दो दिन पहले ऑफिस में एक अन्य कर्मचारी रोशनी का जन्मदिन था जिसमें निकिता, शान चौधरी समेत पूरा स्टाफ आया था. "निकिता को संभालने के लिए एक टीम दी गई थी. टीम के बीच जो थोड़ी बहुत नोकझोंक होती थी लेकिन इसके अलावा उसका कोई बड़ा झगड़ा नहीं हुआ. हम सभी उस दिन निकिता के व्यवहार को देखकर हैरान थे, जिस तरह से वह अपशब्दों का इस्तेमाल कर रही थी." बुशरा ने कहा.