दैनिक जागरण में पत्रकारिता की जलसमाधि और आज तक की दिलफरेब धमकियां

दिन ब दिन की इंटरनेट बहसों और खबरिया चैनलों के रंगमंच पर संक्षिप्त टिप्पणी.

WrittenBy:अतुल चौरसिया
Date:
   

इस हफ्ते की टिप्पणी थोड़ा अलग है. इस बार हम बात करेंगे उस अखबार की जो ‘करोड़ों में बिकता है’. इस वाक्य से दो अर्थ निकलते हैं पहला तो ये कि अगर आपके जेब में करोड़ों हैं तो ये अखबार बिक सकता है दूसरा अर्थ ये निकलता है कि अखबार की प्रतियां करोड़ों में बिकती हैं. दोनों ही बातें सही हैं.

हम बात कर रहे हैं दैनिक जागरण की. इस टिप्पणी में लंबे समय से जुटाए गए कुछ आंकड़े हम आपके सामने रखेंगे ताकि इस अखबार की बेइमानियों को आप अच्छी तरह से समझें और इसका इस्तेमाल रद्दी, पोछा जैसे कामों के लिए करें, खबर के लिए तो कतई मत करें. यही माकूल वक्त है जब दैनिक जागरण खुद को संघ और भाजपा का मुखपत्र घोषित कर दे.

बीते दो तीन महीनों के दौरान जागरण में छपी खबरों, खबरों के रूप में छपे विज्ञापन की हमने बारीक पड़ताल की. यकीन मानिए दैनिक जागरण जो-जो गड़बड़ियां पत्रकारिता और समाचारों की आड़ लेकर कर रहा है वह आपराधिक है. इस तरह के अपराध के लिए उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए. दैनिक जागरण पत्रकारिता के नाम पर आए दिन जो धूल झोंक रहा है उसे एक-एक कर हमने इस हफ्ते की टिप्पणी में शामिल किया है.

जागरण की बेइमानियों के अलावा एक अलग किस्म की बेईमानी भी आपको देखने को मिलेगी. हमारा यूट्यूब चैनल डीएक्टिवेट हो गया है. दरअसल आज तक वालों को हमसे मुहब्बत हो गई है. उनसे हमारा पुराना याराना है. हमारी सहयोगी मनीषा पांडे के शो न्यूसेंस और खाकसार की टिप्पणी में आए दिन मिल रही तारीफों को आज तक वाले पचा नहीं पाए. सो उन्होंने यूट्यूब से शिकायत कर दी. शिकायत भी क्या कॉपीराइट स्ट्राइक मार दिया. कॉपीराइट क्या है. कॉपीराइट का उल्लंघन तब होता है जब कोई किसी की बौद्धिक संपदा को अपना बताकर बेचे.

यहां ऐसा कुछ नहीं है. हमने आजतक के सारे विजुअल बतौर तथ्य इस्तेमाल किया है. और उसका क्रेडिट भी उन्हें दिया है. हमारा यूट्यूब चैनल मॉनेटाइज भी नहीं है, यानी हम इसका कमर्शियल इस्तेमाल नहीं कर रहे. आज तक वाले चाहते हैं कि ये जिसके ऊपर चाहे उंगली उठाएं, तथ्यों की दही बनाकर पेश करें, दिन को रात बताएं लेकिन इनसे कोई सवाल न पूछा जाय. अव्वल तो यह कॉपीराइट का उल्लंघन नहीं है. अगर आज तक फिर भी ऐसा करता है तो हम उन तमाम यू ट्यूबर से कहना चाहते हैं कि आप हमारा वीडियो बिना संकोच के डाउनलोड करें, न्यूज़लॉन्ड्री को क्रेडिट देकर अपने यूट्यूब चैनल और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर करें.

Also see
article imageलखीमपुर खीरी: एडिटर्स गिल्ड और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने पत्रकार रमन कश्यप की मौत पर जताई चिंता
article imageलखीमपुर खीरी फसाद: क्या गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र का बेटा वास्तव में घटनास्थल पर नहीं था?

Comments

We take comments from subscribers only!  Subscribe now to post comments! 
Already a subscriber?  Login


You may also like