play_circle

-NaN:NaN:NaN

For a better listening experience, download the Newslaundry app

App Store
Play Store

एनएल चर्चा 200: उत्तर प्रदेश में बीजेपी का साथ छोड़ते विधायक, केशव प्रसाद ने छोड़ा इंटरव्यू और कमाल खान का निधन

हिंदी पॉडकास्ट जहां हम हफ़्ते भर के बवालों और सवालों पर चर्चा करते हैं.

     

एनएल चर्चा के इस अंक में उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले बीजेपी में अफरातफरी, लगातार बढ़ते कोरोना के मामले, बजट सत्र से पहले संसद के 400 से ज्यादा कर्मचारी कोविड पॉजिटिव, पंजाब चुनावों में आम आदमी पार्टी की तरफ से भगंवत मान को मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाने की कोशिश, केशव प्रसाद मौर्य ने उत्तराखंड धर्म संसद के सवाल पर बीबीसी का इंटरव्यू छोड़ा, धर्म संसद मामले पर सुप्रीम कोर्ट का उत्तराखंड सरकार को नोटिस, प्रधानमंत्री की सुरक्षा चूक मामले में गठित सुप्रीम कोर्ट की कमेटी आदि विषयों पर चर्चा हुई.

चर्चा में इस हफ्ते बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार सबा नकवी, न्यूज़लॉन्ड्री के सब्सक्राइबर अरशद खान शामिल हुए. न्यूज़लॉन्ड्री के एसोसिएट एडिटर मेघनाद एस और सहसंपादक शार्दूल कात्यायन ने भी हिस्सा लिया. संचालन कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने किया.

अतुल उत्तर प्रदेश में चुनावी घटनाक्रम को लेकर चर्चा की शुरुआत करते हुए सबा नकवी से सवाल करते हुए कहते हैं, "उत्तरप्रदेश में चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से भारतीय जनता पार्टी प्रचार से लेकर हर मामले में बहुत मजबूत दिख रही थी, लग रहा था पार्टी के लिए आगामी चुनाव बहुत आसान साबित होंगे लेकिन पिछले एक हफ्ते से जो परिस्थितियां बनी हुई हैं उसे देखकर लग रहा है कि अब इतना भी आसान नहीं है. मौजूदा विधायक और तीन मंत्री मिलाकर अबतक कुल 14 लोग बीजेपी का साथ छोड़ चुके हैं.”

अतुल आगे कहते हैं, “बहुत से लोगों ने अभी तक सपा को ज्वाइन नहीं किया है. (रिकॉर्डिग होने तक) हो सकता है यह दूसरी रणनीति का हिस्सा हों लेकिन सब कुछ जोड़ कर लग रहा है कि भाजपा में भगदड़ की स्थिति है. जिस तरह से लोग भाजपा छोड़ कर जा रहे हैं. यह क्या संदेश देता है? विधानसभा चुनाव में बहुत कम समय बचा है. इस समय अचानक से चीजें बदल जाना क्या इशारा करती हैं? आने वाले समय में क्या संभावना है?”

इस पर सबा जवाब देती हैं, "उत्तरप्रदेश में 2-3 चीजें चल रही हैं. मुझे इस चुनाव में हिंदुत्व समझ नहीं आ रहा है. हिंदुत्व क्या है और अभी इसकी क्या प्रासंगिकता है? हिंदुत्व लोगों के जहन में बैठा हुआ है लेकिन इस चुनाव में मुझे यह चीज नहीं दिखी. उत्तर प्रदेश में पहले चरण में नामांकन शुरु हो गए है. हम जेवर सीट को ले लेते हैं. ग्रामीण सीट है, मैंने कुछ दिनों पहले वहां का दौरा भी किया था. बीजेपी के पूर्व विधायक आरएलडी के टिकट से खड़े हैं. 70 फीसदी जाट समाज आरएलडी के समर्थन में खड़ा है और 30 फीसदी बीजेपी से साथ है. उस इलाके पर गुर्जरों का प्रभुत्व है और आरएलडी के उम्मीदवार का ठाकुरों से मतभेद हो गया है. वहां मुस्लिम भी हैं, मुस्लिम विपक्ष की तरफ जाएगा. जाटव समाज अस्पष्ट था क्योंकि वो अभी भी बसपा को वोट देना चाहता है. जाटव अभी भी बसपा को पसंद करता है. मायावती चाहती थीं कि कोई और दलित चेहरा उभर कर न आए, चंद्रशेखर जेल में रहे लेकिन सपा का चंद्रशेखर के साथ गठबंधन हो जाने पर कुछ जाटव वोट समाजवादी पार्टी की तरफ भी आएगा.”

चुनावीं गठबंधन को लेकर अरशद कहते हैं, "स्वामी प्रसाद मौर्या प्रतापगढ़ से आते हैं. यहां मौर्या जाति का समीकरण बहुत अच्छा है. लेकिन वह चुनाव जहां से लड़ते है वह कुशीनगर जिले में पड़ता है. वो जब विपक्ष के नेता थे तब अखिलेश यादव की सरकार थी. फिर साल 2017 में बीजेपी में शामिल हुए और उनको वह सम्मान वहां नहीं मिला जो उन्हें बसपा और सपा में रहकर मिल सकता था. बीजपी ने गैर यादव और ओबीसी को अपनी पार्टी में जोड़ा है जो उभरे है, जैसे की उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या. केशव प्रसाद मौर्या भी उसी क्षेत्र से आते हैं जहां मौर्या समाज का वोट ज्यादा मायने रखता है.”

इसी विषय पर मेघनाद कहते हैं, “जो इस्तीफे दिए जा रहे हैं, वह रणनीति के जरिए से दिए जा रहे हैं. हर दिन कोई न कोई बीजेपी से इस्तीफा दे रहा है. टीवी पर जो बीजेपी प्रवक्ता हैं वह अब कुछ सही से बोल नहीं पा रहे हैं क्योंकि हर दिन हर समय कुछ न कुछ बदल रहा है. विधायकों को लेकर लोगों में गुस्सा है लेकिन योगी और मोदी से उतना गुस्सा नहीं है.

इस पर शार्दूल कहते हैं, “मुझे नहीं लगता कि जो विधायक बीजेपी छोड़ रहे हैं वह कोई रणनीति का हिस्सा हैं. यह एक-दूसरे को देख कर छोड़ रहे हैं. क्योंकि इस समय इन विधायकों का रणनीति करके छोड़ना बहुत मुश्किल है. उत्तर प्रदेश में भाजपा को थोड़ा मुश्किल हो रही है इसलिए उन्होंने बोलना शुरू कर दिया है कि योगी आदित्यनाथ ही हर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. जो कि 2014 और 2019 के समय नरेंद्र मोदी के लिए बोला जा रहा था. एक हद तक यह भी सच्चाई है कि जो विधायक पार्टी का साथ छोड़ रहे हैं उनपर नीचे से दवाब आ रहा था.”

इसके अलावा प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था में हुई कथित चूक पर भी चर्चा में विस्तार से बातचीत हुई. पूरी बातचीत सुनने के लिए हमारा यह पॉडकास्ट सुनें और न्यूज़लॉन्ड्री को सब्सक्राइब करना न भूलें.

टाइमकोड

00-1:40 - इंट्रो

1:45-14:58 - हेडलाइंस

15:00-21:23 - पत्रकार कमाल खान का निधन

21:30-1:05:15 - उत्तर प्रदेश का चुनावी घटनाक्रम

1:05:20-1:25:00 - वर्चुअल कैंपेन के जरिए लड़ा जा रहा चुनाव

1:25:05- 1:36:15 - चर्चा लेटर

1:36:17-1:47:15 - केशव प्रसाद मौर्य ने बीच में छोड़ा बीबीसी का इंटरव्यू

1:47:20 - सलाह और सुझाव

पत्रकारों की राय, क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए.

मेघनाद एस

सैटिसफैक्ट्री वीडियो गेम

क्यूं इनटू द स्ट्रोम - डॉक्यूमेंट्री

पार्लियामेंटल किताब - मेघनाद

सबा नकवी

सईद नकवी की किताब - द मुस्लिम वैनिश

अरशद खान

द हिंदू पर मायावती को लेकर प्रकाशित लेख

बोसनीया में गृह युद्ध जैसे हालात

शार्दूल कात्यायन

दिल्ली में यमुना नदी के प्रदूषण पर न्यूज़लॉन्ड्री की रिपोर्ट

फॉरेस्ट सर्वे रिपोर्ट 2021 - डाउन टू अर्थ

सक्सेशन - सीरीज

अतुल चौरसिया

द वायर पर प्रकाशित टेकफोग रिपोर्ट

हरीश खरे का पीएम मोदी के पंजाब दौरे को लेकर लिखा गया लेख

***

हर सप्ताह के सलाह और सुझाव

चर्चा लेटर

***

प्रोड्यूसर- लिपि वत्स

एडिटिंग - दिपाशुं बिष्ट

ट्रांसक्राइब - अश्वनी कुमार सिंह

Also see
article imageउत्तर प्रदेश चुनाव विशेष: भाजपा, आरएसएस और विहिप कार्यकर्ताओं को पहचान बदल कर दिखा रहा डीडी न्यूज़
article imageहरिद्वार धर्म संसद: क्यों उत्तराखंड पुलिस की जांच का किसी नतीजे पर नहीं पहुंचना तय है

Comments

We take comments from subscribers only!  Subscribe now to post comments! 
Already a subscriber?  Login


You may also like