बता दें कि हरिद्वार धर्म संसद सम्मेलन के संबंध में याचिका में आपराधिक कार्रवाई की मांग की गई थी, जहां मुसलमानों के खिलाफ नफरत भरे भाषण दिए गए थे.
हरिद्वार में हुई धर्म संसद में हेट स्पीच को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हेमा कोहली की पीठ ने पत्रकार कुर्बान अली और वरिष्ठ अधिवक्ता अंजना प्रकाश (पटना उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश) द्वारा दायर जनहित याचिका पर उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी किया है, जिसमें हरिद्वार धर्म संसद सम्मेलन के संबंध में आपराधिक कार्रवाई की मांग की है.
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि कोर्ट इस पर गौर करेगा. रमना ने पूछा कि क्या इस मामले में पहले जांच नहीं हुई है? इसपर कपिल सिब्बल ने कहा कि मामले में सिर्फ एफआईआर दर्ज हुई है. इसके अलावा न कोई कार्रवाई हुई और न ही गिरफ्तारी हुई है.
बता दें कि हरिद्वार धर्म संसद सम्मेलन के संबंध में याचिका में आपराधिक कार्रवाई की मांग की गई थी, जहां मुसलमानों के खिलाफ नफरत भरे भाषण दिए गए थे.
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने पीठ से हरिद्वार सम्मेलन के दौरान दिए गए भड़काऊ भाषणों की प्रतिलिपि पढ़ने का अनुरोध किया. सिब्बल ने कहा कि उनकी भाषा ऐसी है जिसे मैं पढ़ना नहीं चाहता हूं, मैं इसे सनसनीखेज नहीं बनाना चाहता, लेकिन कृपया इसे पढ़ें. इस पर पीठ ने कहा कि वह नोटिस जारी कर रही है.
सिब्बल ने आगे कहा कि आने वाले वक्त में कुछ और धर्म संसद होने वाली हैं, जिनसे संभावना है कि इससे चुनावी माहौल बिगड़ सकता है. हालांकि कोर्ट ने अभी ऐसे कार्यक्रमों (धर्म संसद) पर रोक नहीं लगाई है.