मुसलमान महिलाओं को बदनाम करने के लिए चलाई गई मुहिम 'बुली बाई' के पीछे हिंदुत्व खेमे के अंदर विचारधारा की लड़ाई के चिन्ह दिखाई पड़ते हैं.
ऑनलाइन बनाम ऑफलाइन
बुली बाई मामले में आरोपियों की जानकारी बाहर आने के बाद, अविश्वास का एक माहौल हो गया है कि गिरफ्तार किए गए युवक और युवतियों ने ऐसी नफरत भरी मुहिम अपने आप ही चलाई. उत्तराखंड पुलिस के डीजीपी अशोक कुमार ने प्रेस को बताया कि 18 वर्षीय श्वेता सिंह एक गरीब परिवार से आती थीं और उन्होंने अपनी मां और बाप दोनों को ही खो दिया था. कुमार ने कहा, "ऐसा लगता है कि वह इन गतिविधियों में पैसे के लिए शामिल हुईं."
झा के बारे में पूछने पर, दयानंद सागर कॉलेज के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख एच के रामा राजू ने कहा, "वह बिल्कुल साधारण और आज्ञाकारी था. कैंपस में उसका बर्ताव अच्छा था. मेरे पास उसको लेकर कोई शिकायतें नहीं हैं. हालांकि पिछले दो महीने से उसकी उपस्थिति कम रही है और इसकी जानकारी हमने उसके अभिभावकों को दे दी थी. इस मामले की जांच चल रही है और हम उसके दोषी साबित होने पर कार्यवाही करेंगे. क्योंकि अभी मामला साबित नहीं हुआ है, हमें विद्यार्थी को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए. पक्का होने से पहले हमें उसका भविष्य खराब नहीं करना चाहिए."
ऑफलाइन दुनिया में, झा और सिंह के द्वारा सारी सहानुभूति होने के बावजूद दोनों का ऑनलाइन उत्पीड़न का इतिहास है. ट्रोलिंग की शिकायतों को लेकर उनके सोशल मीडिया खाते कई बार सस्पेंड किए जा चुके हैं.
झा का सबसे हालिया ट्विटर हैंडल @saffrontexture था जिसे गिरफ्तारी से पहले ही सस्पेंड किया गया. इससे पहले उसका हैंडल @toxture था. वह @GangesScion और @mithilasher नाम के हैंडल भी चलाया करता था.
सिंह ने शुरुआत में @kadhiichaawal नाम का हैंडल अपनाया और ट्विटर पर रहते झा को फॉलो किया जब वे @seculardog नाम का हैंडल इस्तेमाल करते थे. @kadhiichaawal के सस्पेंड होने के बाद उन्होंने @shreee01 इस्तेमाल किया जो उनकी गिरफ्तारी तक चल रहा था.
झा और सिंह को जानने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया कि झा और सिंह का बहुत से ऐसे ट्विटर इस्तेमाल करने वालों से संबंध है जो ऑनलाइन इस्लाम से नफरत के लिए जाने जाते हैं, जैसे डेंटिस्ट कुणाल पटेल जो अब सस्पेंड हो चुके ट्विटर हैंडल @dantchikitsak को चलाते थे जिसने एक समय पर यह दावा किया था की एक मुसलमान आदमी ने सुल्ली डील्स एप बनाया है.
अपनी पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर एक पूर्व दक्षिणपंथी ट्रोल ने बताया, "यह दो गिरफ्तार किए हुए बच्चे मास्टरमाइंड नहीं हैं. यह केवल युवा हैं जिनका रूढ़िवादी दक्षिणपंथी प्रभावशाली हस्तियों ने ब्रेनवॉश कर दिया है. वे लोग दिमाग में नफरत को राष्ट्रीयता और देशभक्ति के नाम पर बो देते हैं और उनका इस्तेमाल दूसरों पर नफरत बरसाने के लिए करते हैं."
गियू का मिशन
झा और सिंह का मामला ऑनलाइन ट्विटर पर @giyu44 नाम के यूजर ने उठाया है जिसने उनकी रिहाई के लिए अपीलें लिखी हैं. इस तरह की पोस्ट में रितु राठौर (@RituRathaur) - जो खुद को "हिंदुओं के समान अधिकार के लिए लड़ने वाली" एक "सभ्यतावादी हिंदू" बताती हैं; सीबीआई के पूर्व निदेशक मान्नेम नागेश्वर राव; दक्षिणपंथी न्यूज़ पोर्टल ऑफ इंडिया की एडिटर इन चीफ नूपुर शर्मा (@UnsubtleDesi); एक दूसरे राइट विंग न्यूज़ पोर्टल डू पॉलिटिक्स के संस्थापक, अजीत भारती; और कई अन्य दक्षिणोन्मुख इंफ्लुएंसर टैग किए हुए होते हैं.
एक दूसरे ट्वीट में @giyu44 ने यह दावा किया कि असली सुल्ली डील्स एक मुसलमान के द्वारा बनाया गया था, जो कि एक अफवाह है जिसे पिछले साल ऑल्ट न्यूज़ ने गलत साबित कर दिया था.
गियू नाम कई बार मुसलमान महिलाओं के ऑनलाइन उत्पीड़न में सामने आया है. न्यूज़लॉन्ड्री ने गियू को @giyu2002 आम के टि्वटर हैंडल ढूंढा, जो उस समय चालू था जब सुल्ली डील्स खबरों में था. इस हैंडल ने मुसलमान महिलाओं के बारे में आपत्तिजनक शब्द ट्वीट किए और बाद में सस्पेंड हो गया, अभी भी सक्रिय नहीं है.
एक और ट्विटर हैंडल -@vedic_revival, जिसे ऑपइंडिया के एक लेखक राम भक्त वैदिक चलाते हैं, ने उस समय @giyu2002 की ट्वीट को रिट्वीट किया था. वैदिक के हैंडल @vedic_revival से रितेश झा के लिबरल डोज को भी सब्सक्राइब किया हुआ था और न्यूज़लॉन्ड्री के द्वारा उसकी पहचान बता दिए जाने पर उसके पक्ष में ट्वीट किया था.
कुछ ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि बिश्नोई, जिन्हें आज गिरफ्तार किया गया और जिसने कथित तौर पर बुली बाई एप बनाया, शायद गियू हो.
हालांकि वह व्यक्ति, जिन्होंने बिश्नोई (Niraz7009), क्रुणाल पटेल (@Dantchikitsak_) और अमित नोक्से की ऑनलाइन गतिविधियों की शिकायत पुणे और अहमदाबाद पुलिस के पास मार्च 2021 में दर्ज कराई, ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, "बिश्नोई गियू नहीं है. मैं बिश्नोई को काफी लंबे समय से देख रहा हूं और उसके करीब 15 चैनलों को मैंने रिपोर्ट किया है, जिसमें से कई सस्पेंडेड भी हैं. जैसा कि मुंबई पुलिस ने जिक्र किया, गियू नाम का व्यक्ति नेपाल का नागरिक है.… गियू केवल एक हैंडल का नाम है और वह व्यक्ति नेपाल से नहीं है. असली नाम… अलग है लेकिन यह पक्का है कि वह विश्नोई नहीं है."
न्यूज़लॉन्ड्री को पता चला है कि बिश्नोई कई हैंडलों का इस्तेमाल करते थे जैसे कि @nirzz, @nirzzz, @niraz7009 और @Nirz9006, और इनमें से कई सस्पेंड भी हो गए थे.
न्यूज़लॉन्ड्री को यह भी पता चला कि टि्वटर हैंडल @giyu44 इसी साल जनवरी में चालू हुआ. उनके ट्विटर के परिचय में एक इंस्टाग्राम हैंडल है, जिसमें प्रोफाइल फोटो की जगह पर वही बुली बाई एप पर हिंदू आदमी की फोटो लगी है. यह लेख लिखे जाते समय इस इंस्टाग्राम खाते पर तीन पुरुषों की और एक महिला की फोटो लगी थीं, जिनके नीचे अपमानजनक शीर्षक लिखे हुए हैं. इनमें से कम से कम तीन लोग हिंदू हैं.