खबरों में विचारों का मिश्रण खतरनाक कॉकटेल- मुख्य न्यायाधीश

मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ”पत्रकार एक मायने में न्यायाधीशों की तरह होते हैं.

Article image

भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा, “आजकल रिपोर्टिंग में मैं एक चलन देख रहा हूं कि खबर में वैचारिक रुझान और पूर्वाग्रह आ जाता है. खबरों में विचारों का मिश्रण खतरनाक कॉकेटल है.”

चीफ जस्टिस ने यह बात मुंबई प्रेस क्लब द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कही. रेड इंक अवार्ड में व्याख्यान देते हुए उन्होंने कहा, ”पत्रकार एक मायने में न्यायाधीशों की तरह होते हैं. आप जिस विचारधारा को मानते हैं और जिस विश्वास को आप प्रिय मानते हैं, उसके बावजूद आपको उनसे प्रभावित हुए बिना अपना कर्तव्य निभाना चाहिए. आपको पूरी और सटीक तस्वीर देने के लिए केवल तथ्यों की रिपोर्ट करनी चाहिए.”

ऑनलाइन आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य न्यायाधीश ने विजेताओं को बधाई दी. उन्होंने न्यायपालिका में विश्वास रखने पर कहा,"निर्णयों के बारे में उपदेश देने और न्यायाधीशों को खलनायक बनाने की प्रवृत्ति को रोकने की जरूरत है.”

सीजेआई ने कहा कि वह मीडियाकर्मियों की कठिनाइयों और संघर्षों को समझते हैं. उन्होंने कहा, "सत्ता से सच बोलना और समाज के सामने आईना रखना, एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है जिसे निभाना बेहद मुश्किल है.”

Also see
article imageहरिद्वार धर्म संसद: क्यों उत्तराखंड पुलिस की जांच का किसी नतीजे पर नहीं पहुंचना तय है
article imageभूलना नहीं है, सब कुछ याद रखें

Comments

We take comments from subscribers only!  Subscribe now to post comments! 
Already a subscriber?  Login


You may also like