कांग्रेस पार्टी के कुछ नेता संघ की ओर से बैटिंग कर के इस अहम राजनीतिक विमर्श की जड़ों में मट्ठा डाल रहे हैं.
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि रायपुर में आयोजित धर्म संसद में जिस वक्त अकोला के कथित संत कालीचरण के द्वारा बापू को भद्दी गाली दी जा रही थी उस वक्त भी कांग्रेस के ये सब नेता वहां युवक कांग्रेस के कुछ लड़कों के साथ बैठे हुए थे. आश्चर्य की बात है कि सबने अपने होंठ सी रखे थे. किसी ने भी उठकर तत्काल प्रतिवाद नहीं किया, सबके चेहरे पर मुर्दनी रही.
स्थानीय दूधाधारी मठ के महंत रामसुंदर दास ने धर्म संसद छोड़ने की बात तो कही, लेकिन कालीचरण को बोलने से ठीक उसी वक्त न रोका. गौरतलब है कि रामसुंदर दास जी का वह वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह धर्म संसद छोड़ने की बात कह रहे हैं.
कांग्रेस के जो विधायक वहां मौजूद थे उनमें से एक सत्यनारायण शर्मा अपने परिवार को आगे बढ़ाने के लिए दिन रात परिश्रम कर रहे हैं. इनके एक पुत्र पंकज शर्मा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष हैं. दूसरे विधायक विकास उपाध्याय कर्म से पूरे भाजपाई हैं. जब रामजन्म भूमि का शिलान्यास हुआ तब उन्होंने पूरे शहर में दिये जलवाए थे.
छत्तीसगढ़ कांग्रेस भूपेश बघेल, रविन्द्र चौबे और मोहम्मद अकबर के नाम से जानी जाती है जिन्होंने कभी भी धर्मनिरपेक्षता से समझौता नहीं किया. सवाल खड़ा होता है कि यह जो भाजपा के एजेंडे पर काम करने वाले नेता हैं उनसे छत्तीसगढ़ कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व कैसे निपटेगा?
धर्म संसद की आयोजन समिति का पूरा विवरण.
(साभार- जनपथ)