जेवर एयरपोर्ट: विस्थापित लोगों के लिए अभी तक मूलभूत सुविधाएं भी नहीं!

जेवर में मुआवजे के नाम पर लोगों के साथ हो रही धोखाधड़ी, प्रशासन पर भ्रष्टाचार के आरोप.

WrittenBy:शिवम चतुर्वेदी
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क्या चाहते हैं लोग

लोगों का कहना है कि प्रशासन को हमारी समस्याओं को समझना चाहिए और जल्द से जल्द नगर में पानी, बिजली और शौचालय की व्यवस्था की जानी चाहिए. स्थानीय लोगों का कहना है कि पूरे इलाके में एक भी मंदिर और मस्जिद नहीं है जिसकी व्यवस्था प्रशासन को करानी चाहिए. विस्थापित लोगों ने नगर में श्मशान और कब्रिस्तान की भी मांग की है.

हेमराज

हेमराज कहते हैं, "बसाई गई सोसाइटी में ग्रामीण लोग रहते हैं. पशुपालन उनका प्रमुख व्यवसाय है. प्रशासन के द्वारा पशुओं को रखने के लिए कोई जगह मुहैया नहीं करवाई गई है, जिस कारण लोग पशु रखने में असमर्थ हैं. नतीजतन बहुत सारे लोग बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं. इस लिए प्रशासन को जल्द से जल्द पशुपालन के लिए जगह मुहैया करानी चाहिए."

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राजवीर सिंह कहते हैं, "पूरे इलाके में एक भी श्मशान या कब्रिस्तान न होने से किसी के देहांत पर काफी समस्याएं आ रही हैं, प्रशासन को जल्द से जल्द शमशान एवं कब्रिस्तान की व्यवस्था करनी चाहिए"

अशोक चौहान कहते हैं, "इलाके में एक भी स्कूल नहीं है जिससे स्थानीय बच्चों की पढ़ाई में बाधा आ रही है, पूरे इलाके में लाइट की व्यवस्था भी नहीं है न ही पानी की व्यवस्था है, प्रशासन को जल्द से जल्द इस और ध्यान देना चाहिए."

पूरे मामले पर क्या कहता है प्रशासन

इस पर जेवर के एसडीएम रजनीकांत पांडे ने बताया, "लोगों को नियम के अनुसार मुआवजा प्रदान किया गया है, अधिकतर सभी लोगों को मुआवजा दे दिया गया है और बचे हुए लोगों को जल्द ही मुआवजा दे दिया जाएगा"

रजनीकांत आगे कहते हैं, "अगर मुआवजे के लेनदेन में दलाली हुई है तो प्रशासन के द्वारा जांच करके कार्रवाई की जाएगी. हम इस बात से इंकार नहीं करते कि कुछ दलाल लोगों से पैसे मांग रहे होंगे लेकिन हमारी जानकारी में ऐसा कुछ नहीं है."

"विस्थापित लोगों को समय से रहने योग्य घर प्रदान नहीं किया जा सका, जिसकी वजह से उन्हें किराए पर रहना पड़ा. नगर के अंदर जल्द ही पानी एवं शौचालय की व्यवस्था कर दी जाएगी. बिजली की व्यवस्था हो गई है, लेकिन लोग बिजली का कनेक्शन नहीं ले रहे हैं. प्रशासन जल्द ही कब्रिस्तान एवं शमशान के लिए 24 बीघे और 26 बीघे जमीन की व्यवस्था नगर के समीप कर देगा." उन्होंने कहा.

वह कहते हैं कि सरकारी सर्किल रेट 9 लाख 19 हजार रुपए प्रति बीघा है. शहरी जमीन होने के कारण लोगों को सर्किल रेट का दो गुना दाम 18 लाख 38 हजार रुपए प्रति बीघा दिया गया है. हालांकि लोगों कहना है की यह दाम आसपास बिक रही जमीनों से बहुत कम है.

प्रकाश प्रजापति

प्रकाश प्रजापति बताते हैं कि बसाई गई सोसाइटी के पास की जमीन एक करोड़ रुपए प्रति बीघा के हिसाब से‌ खरीदी और बेची जा रही है.

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