हिंसा की रिपोर्टिंग के लिए त्रिपुरा पहुंचीं पत्रकारों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को त्रिपुरा में हुई हिंसा को लेकर पुलिस को नोटिस जारी किया है. साथ ही कोर्ट ने एचडब्ल्यू की दोनों पत्रकारों और संस्थान पर दर्ज एफआईआर पर कार्रवाई करने से रोक लगा दी है.
त्रिपुरा हिंसा की रिपोर्टिंग को लेकर एचडब्ल्यू के पत्रकारों पर दर्ज केस के खिलाफ थीओस कनेक्ट ने याचिका दायर की थी. थीओस कनेक्ट कंपनी ही एचडब्ल्यू वेबसाइट का संचालन करती है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने 14 अक्टूबर और 18 अक्टूबर को पत्रकारों के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर रोक लगा दी है.
कोर्ट में सुनवाई के दौरान पत्रकारों के वकील सिद्धार्थ लूथरा ने कहा, “उन्हें (पत्रकारों को) जिस कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, वह यह है कि वे रिपोर्टिंग करते हैं और आप उनके खिलाफ केस दर्ज कर रहे हैं, और फिर आप कहते है रिपोर्ट गलत है.”
जिस पर कोर्ट ने कहा, “हम अगले आदेश तक आगे की सभी कार्यवाही पर रोक लगा रहे हैं.”
कोर्ट ने त्रिपुरा पुलिस को नोटिस जारी करते हुए चार हफ्तों में जवाब दाखिल करने को कहा है. बता दें कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमलों के खिलाफ वीएचपी ने त्रिपुरा में एक रैली का आयोजन किया. इस रैली में भड़काऊ नारे लगाए गए जिसके बाद भड़की हिंसा में कई मुस्लिम लोगों की दुकानों में तोड़फोड़ की गई और मस्जिद को नुकसान पहुंचाया गया.
इस घटना की रिपोर्टिंग के लिए त्रिपुरा पहुंचे पत्रकारों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. बाद में स्थानीय अदालत ने दोनों पत्रकारों को जमानत दे दी.
त्रिपुरा पुलिस ने हिंसा पर सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट को लेकर 100 से ज्यादा लोगों के खिलाफ यूएपीए के तहत केस दर्ज किया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने दो वकीलों मुकेश कुमार, अंसारुल हक अंसार और पत्रकार श्याम मीरा सिंह के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्यवाही करने से भी रोक लगा दी थी.