कोर्ट ने कहा, हमने अखबारों में देखा है कि मीडिया का कुछ वर्ग कोशिश कर रहा है कि हम खलनायक हैं.
सुप्रीम कोर्ट में वायु प्रदूषण को लेकर शुक्रवार को सुनवाई हुई. दिल्ली के स्कूलों को बंद किए जाने की बात पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि हमने अखबारों में देखा है कि मीडिया का कुछ वर्ग कोशिश कर रहा है कि हम खलनायक हैं. इस दौरान कोर्ट में दिल्ली सरकार की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी सरकार का पक्ष रख रहे थे.
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा, “पता नहीं यह जानबूझकर किया गया या नहीं लेकिन मीडिया का कुछ हिस्सा हमें खलनायक के रूप में दिखाने की कोशिश कर रहा है, और हम स्कूलों को बंद करना चाहते है. जबकि खुद आपने (दिल्ली सरकार) ने कहा था कि स्कूल बंद कर रहे हैं और वर्क फ्रॉम होम शुरू कर रहे हैं, लेकिन देखिए आज का अखबार.”
इस पर दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, “एक अखबार ने ऐसा संदेश दिया है जैसे कल प्रशासनिक लड़ाई को लेकर सुनवाई हुई. और एक अन्य ने सुझाव दिया कि कोर्ट प्रशासन चाहता है.”
चीफ जस्टिस ने आगे कहा, “प्रेस की आजादी पर हम कुछ नहीं कह सकते. वे (मीडिया) कुछ भी कह सकते हैं, कुछ भी बता सकते हैं. वीडियो सुनवाई के बाद, कोई नियंत्रण नहीं है कि कौन क्या रिपोर्ट कर रहा है, आप नहीं जानते.”
कोर्ट में इसी सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने कोर्ट को बताया कि उद्योगों के बंद होने से राज्य में गन्ना और दूध उद्योग प्रभावित होंगे और राज्य पीछे चला जाएगा. राज्य सरकार के वकील रंजीत कुमार ने कहा, प्रदूषित हवा ज्यादातर पाकिस्तान से आ रही है. इस पर सीजेआई ने कहा तो आप पाकिस्तान में उद्योगों पर प्रतिबंध लगाना चाहते हैं.