कैसे कर सकते हैं दिल्ली की बर्बाद हवा पर आपात नियंत्रण

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर इतना कम होना चाहिए कि हवा की गति धीमी होने पर ठंडी हवाओं के जमने से जब प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है तो उसे जल्द से जल्द ठीक किया जा सके.

WrittenBy:सुनीता नारायण
Date:
Article image
  • Share this article on whatsapp

एक व्यापक और गतिशील एयर एक्शन प्लान भी इसमें शामिल है. इसमें प्रदूषण के एक विशेष स्रोत के खिलाफ कार्रवाई शामिल है क्योंकि इसके बारे में हमें अधिक जानकारी मिलती है. उदाहरण के लिए वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए हाल में की गई कार्रवाई ले सकते हैं. जैसे पहली पीढ़ी के वाहनों को संपीड़ित प्राकृतिक गैस में बदलने के साथ-साथ वाहन प्रौद्योगिकी और इंधन (बीएसVI) में सुधार किया गया. ट्रकों तथा भारी वाहनों जैसे सकल प्रदूषकों को शहर की सीमा में प्रवेश से रोकने के लिए भीड़-भाड़ कर (कंजेशन टैक्स) लगाया गया है. भारी वाहनों के लिए वैकल्पिक बाईपास प्रदान करने के लिए एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया गया है.

इसके अलावा सार्वजनिक परिवहन में सुधार के लिए भविष्य में मेट्रो के चौथे चरण को आंशिक रूप से मंजूरी दे दी गई है. साथ ही निजी परिवहन की आवश्यकता को कम करने के लिए पड़ोसी शहरों को जोड़ने वाले हाई स्पीड ट्रेन का निर्माण किया जा रहा है.

औद्योगिक क्षेत्रों में कोयले के उपयोग को खत्म करने के साथ-साथ कोयले से चलने वाले दिल्ली के आखिरी बिजली संयंत्र को भी बंद कर दिया गया है. हालांकि इसमें संदेह नहीं है कि तथाकथित अनधिकृत क्षेत्रों में तथा शहरी सीमा के आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों के हजारों छोटे बॉयलरों में कोयले का उपयोग जारी है.

लेकिन इससे पहले कि हम अगले कदमों के लिए जरूरी समस्याओं की सूची में जाएं आइए अब तक किए गए कार्यों के प्रभावों को समझने का प्रयास करते हैं.

पिछले कुछ वर्षों में ‘संतोषजनक’ हवा वाले दिनों की संख्या बढ़ गई है (2018 में 121 दिन से 2020 में 174 दिन). इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि ‘गंभीर हवा’ वाले दिनों की संख्या में कमी आई है (2018 में 28 दिन से घटकर 2020 में 20 दिन). हालांकि यह पर्याप्त नहीं है.

लेकिन यह सच है कि हम प्रदूषण के वक्र (कर्व) को झुका रहे हैं. हमारी हवा साफ नहीं है लेकिन साल के कई दिनों में यह साफ रहती है.

हालांकि प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए बहुत कुछ करने की आवश्यकता है ताकि- जब हवा की गति धीमी हो और ठंडी हवा जम जाए तब दिवाली से लेकर पराली के जलाने तक चलने वाले भयानक प्रदूषण के दौर में हम सुधार ला सकें और सुरक्षित रूप से सांस ले सकें.

वायु की गति तेज रहने पर वायु स्वतः स्वच्छ हो जाती है. लेकिन, तेज गति की अनुकूल परिस्थिति ना होने पर भी वायु में स्वतः स्वच्छ होने की क्षमता की आवश्यकता है. आइए हम वायु की इसी क्षमता पर फिर से चर्चा करें.

(साभार- डाउन टू अर्थ)

Also see
article imageटीवी डिबेट में होता है सबसे ज्यादा प्रदूषण- सुप्रीम कोर्ट
article imageगर्भावस्था के दौरान वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से नवजात शिशु के स्वास्थ्य पर पड़ता है बुरा असर
subscription-appeal-image

Power NL-TNM Election Fund

General elections are around the corner, and Newslaundry and The News Minute have ambitious plans together to focus on the issues that really matter to the voter. From political funding to battleground states, media coverage to 10 years of Modi, choose a project you would like to support and power our journalism.

Ground reportage is central to public interest journalism. Only readers like you can make it possible. Will you?

Support now

You may also like