दिन ब दिन की इंटरनेट बहसों और खबरिया चैनलों के रंगमंच पर संक्षिप्त टिप्पणी.
बीते हफ्ते खबरिया चैनलों के तमाम एंकर एंकराओं में लाइब्रेरी जाने और किताबें पढ़ने का क्रैश कोर्स करने की होड़ लग गई. दरअसल किसानों के नेता योगेंद्र यादव ने रूबिका लियाक़त को आइना दिखा दिया पहल रूबिका लियाक़त ने की, योगेंद्र यादव पर व्यंग्य का बाउंसर मार कर. जवाब में योगेंद्र यादव ने फ्रंटफुट पर आकर सीधे रूबिका के सिर के ऊपर से लालित्यपूर्ण छक्का मार दिया.
एंकर एंकराओं का एक क्रैश कोर्स इसी दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सानिध्य में भी हुआ इस क्रैश कोर्स की एक फोटो सामने आई जिसमें सुदर्शन टीवी वाले सुरेश चह्वाणके, आज तक के एंकर सईद अंसारी, नेटवर्क 18 समूह के मैनेजिंग एडिटर ब्रजेश कुमार सिंह, एबीपी न्यूज के एंकर सुमित अवस्थी, इंडिया टुडे के गौ रव सांवत, टाइम्स नेटवर्क ग्रुप की नविका कुमार, एबीपी न्यूज के विकास भदौरिया, न्यूज24 की एडिटर अनुराधा प्रसाद और आजतक के न्यूज़ डायरेक्टर सुप्रिय प्रसाद नज़र आए.
उत्तर प्रदेश के चुनाव से ठीक पहले संघ प्रमुख के साथ खबरिया चैनलों के एंकर एंकराओं की मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं. हमने भागवतजी की कक्षा में शामिल हुए एंकर एंकराओं से बात की तो कुछ दिलचस्प और विरोधाभासी बातें सामने आईं.
भागवतजी की कक्षा के संबंध में कुछ जरूरी सवाल उठते हैं. जब बड़े-बड़े मीडिया संस्थानों के संपादक और प्रभारी उस विचारधारा के प्रमुख से मिलते हैं जिसकी वर्तमान में सरकार है तो क्या वो आज के जरूरी मुद्दों को उनके सामने रखते हैं. क्या वो पूछते हैं कि भारत में पत्रकारिता करना आज इतना मुश्किल क्यों हो गया है. क्यों त्रिपुरा में पत्रकारों के ऊपर हमले हो रहे हैं, क्यों उत्तर प्रदेश की जेलों में पत्रकार बंद हैं. जाहिर है ऐसे कोई सवाल ये संपादकगण संघ प्रमुख से नहीं पूछते. इसलिए मीडिया लिटरेसी बहुत जरूरी है.
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