तृणमूल कांग्रेस ने त्रिपुरा में नगर निकाय चुनाव के दौरान उसके उम्मीदवारों एवं समर्थकों को मतदान नहीं करने को लेकर दायर की थी याचिका.
त्रिपुरा में चल रहे स्थानीय निकाय चुनावों के दौरान उम्मीदवारों और समर्थकों को मतदान नहीं किए दिए जाने के खिलाफ टीएमसी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. टीएमसी की अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग, मुख्य सचिव और डीजीपी को आदेश दिया है कि बूथों पर बड़ी संख्या में अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जाए.
शीर्ष अदालत ने आदेश दिया है कि मतदान के दौरान प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को पूरी कवरेज की अनुमति मिलनी चाहिए. साथ ही कोर्ट ने कहा कि पोलिंग बूथों पर सीसीटीवी कैमरे नहीं हैं. ऐसे में मीडिया को ज्यादा से ज्यादा कवरेज करने देना चाहिए.
यह फैसाल जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने की. याचिकाकर्ता के वकील गोपाल शंकर नारायणन ने कोर्ट को बताया था कि वोटिंग के कई वीडियो सामने आए हैं जिसमे बाहरी लोगों को वोटिंग बूथ में घुसते हुए देखा गया है. इस पर त्रिपुरा सरकार के वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि मतदान पूरी तरह से शांति से चल रहा है और केवल याचिकाकर्ता इसमें बाधा डाल रहे हैं.
बता दें कि त्रिपुरा के 14 नगर निकायों के लिए मतदान हो रहा है. टीएमसी ने आरोप लगाया कि प्रदेश की राजधानी अगरतला में वार्ड संख्या पांच में पार्टी के एक कार्यकर्ता को पीटा गया. हालांकि पुलिस ने किसी भी अप्रिय घटना की पुष्टि नहीं की है.