चैनल ने सोशल मीडिया से ट्रैक्टर के वीडियो को इकट्टा कर उसमें बदलाव कर प्रसारित किया था.
न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग और डिजिटल स्टैंडर्ड अथॉरिटी(एनबीडीएसए) ने ज़ी न्यूज़ से किसान आंदोलन को लेकर किए गए दो वीडियो को वापस लेने को कहा है. यह दोनों वीडियो 19 और 20 जनवरी को प्रकाशित हुए थे.
बता दें कि एनबीडीएसए जिसे पहले एनबीएसए के नाम से जाना जाता था. यह एनबीए सदस्यों के लिए स्व:नियमन संस्था है. रिटायर्ड जस्टिस एके सिकरी ने यह फैसला इंद्रजीत घोरपड़े की शिकायत पर सुनाया है.
शिकायत में कहा गया है कि, चैनल ने सोशल मीडिया से ट्रैक्टर के वीडियो को इकट्टा कर उसमें बदलाव कर प्रसारित किया था. जिसमें एंकर ने कहा कि यह ट्रैक्टर्स किसानों के हैं, जिन्हें 26 जनवरी की रैली के लिए उपयोग किया गया था.
शिकायत में शो के कई हेडलाइन और टिकर प्रसारित किए गए. जैसे की “गणतंत्र के खिलाफ राष्ट्र”,“गणतंत्र दिवस पर गृहयुद्ध”, “ट्रैक्टर मार्च या युद्ध”, “आंदोलन पर खालिस्तान का कब्जा”. इसके अलावा शो में एंकर ने कहा, “सोचिए यह लड़ाई भारत के खिलाफ है. क्या हो रहा है?”, “क्या यह देश के खिलाफ लड़ाई की साजिश कर रहे हैं”, अगर आतंकवादी किसानों के स्टेज का उपयोग कर रहे हैं तो क्या उसके लिए किसान जिम्मेदार नहीं है?,
एनबीडीएसए ने अपने फैसले में कहा कि, टीवी चैनलों को धार्मिक रिपोर्टिंग के दौरान सावधानी रखनी चाहिए. चैनल ने भारतीय झंडे को लाल किले से हटाने का गलत वीडिया दिखाया. एंकर और चैनल का हेडलाइन कोड ऑफ एथिक्स और ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड का सीधा उल्लंघन है.
चैनल अपने प्लेटफॉर्म, यूट्यूब सभी जगह से यह वीडियो को तुंरत हटा दे, साथ ही सात दिनों में एनबीडीएसए को लिखित में सूचित करे.