कोयला संकट: क्या बिजली गुल होने वाली है?

सारांश के इस एपिसोड में हम समझने की कोशिश करेंगे कि भारत में कोयला संकट क्यों है और इससे क्या-क्या समस्याएं पैदा हो सकती है.

   bookmark_add
  • whatsapp
  • copy

हाल ही में चीन और यूरोप के बाद अब भारत में कोयले की कमी के चलते बिजली के उत्पादन पर उल्टा असर हुआ है. देश के अलग–अलग राज्यों में पॉवर कट, लोड शेडिंग की समस्याएं बढ़ सकती हैं. महाराष्ट्र और पंजाब में कुछ थर्मल पॉवर स्टेशन बंद हो गए हैं. जाहिर है यह सारा संकट कोयले की कमी से पैदा हुआ बताया जा रहा है. कोविड के बाद वापस ट्रैक पर लौट रही अर्थव्यवस्था के लिए यह चिंता की बात है.

भारत में कुल 104 थर्मल प्लांट हैं. थर्मल पॉवर प्लांट यानी कि कोयले से बिजली पैदा करने वाले कारखाने. 30 सितम्बर को इनमें से 15 पावर प्लांटों में कोयले का भंडार खत्म हो गया. वहीं 9 अक्टूबर तक, 49 थर्मल पॉवर प्लांट ऐसे थे जहां केवल अगले तीन दिन का कोयला भंडार बचा था.

एक तरफ इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह कोयला के संकट पर चिंता जताते है तो वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कोयले और बिजली की कमी को "आधारहीन" बताती हैं.

भारत में कोयले की कमी चिंता करने वाला विषय है. इसका सीधा असर हमारे घर की बिजली और जेब पर पड़ेगा. सारांश के इस एपिसोड में हम समझने की कोशिश करेंगे कि भारत में कोयला संकट क्यों है और इससे क्या-क्या समस्याएं पैदा हो सकती हैं.

Also see
सारांश: पेट्रोल-डीजल की कीमतों का गुणा-गणित
डिस्मैंटलिंग ग्लोबल हिंदुत्व कांन्फ्रेंस का हिंदू संगठनों ने क्यों किया विरोध?
newslaundry logo

Pay to keep news free

Complaining about the media is easy and often justified. But hey, it’s the model that’s flawed.

Comments

We take comments from subscribers only!  Subscribe now to post comments! 
Already a subscriber?  Login


You may also like