यह राशि क्षेत्र के 60 पत्रकारों को बांटी गई थी, जिसमें से एक पत्रकार ने वापस कर दिया है.
वह आगे कहते हैं, “बहुत ही कम होता है कि जिला कलेक्टर नियमों का उल्लंघन कर इस तरह पत्रकारों के नाम पर चेक जारी करते हैं. इस मामले में विधायक और कलेक्टर दोनों ने गलत किया है. यह नियम के खिलाफ है.”
देवेंद्र वर्मा, जनसंपर्क व स्वेच्छानुदान निधि राशि को कैसे खर्च किया जाता है उसे बताते हैं. वह कहते है, “यह राशि विधायकों को अपने क्षेत्र में विकास कार्य के उपयोग के लिए दी जाती है. जैसे की कोई रोड का निर्माण करना है, नाली बनवाना है, नल लगवाना है आदि, वह इसका प्रपोजल जिला कलेक्टर को भेजते हैं. जिसपर जिला कलेक्टर उस कार्य के लिए राशि जारी करते है. ऐसे लोगों को नाम पर चेक बनाकर राशि नहीं दी जाती है. ऐसे बहुत ही कम होता है. ज्यादातर विधायक अपने क्षेत्र में गरीबों को मदद करने के लिए कंबल या अन्य सामग्री बांटते है, जिसका भुगतान जिला कलेक्टर द्वारा किया जाता है.”
वहीं इस पर जिला कलेक्टर श्याम धावड़े कहते हैं, “विधायक अनुशंसा में जिन नामों को लिखते हैं, उनके नाम से विधायक जनसपंर्क निधि की राशि का चेक प्रशासन जारी करता है. इस बारे में ज्यादा जानकारी फ़ाइल देखकर दे पाऊंगा.”
वहीं इस बारे में हमने कांग्रेस विधायक विनय जायसवाल से भी बात की. वह कहते हैं, “जिले में भाजपा के विधायक जनसंपर्क व स्वेक्षानुदान का उपयोग अपने लिए कपड़े खरीदने, घर की साज सज्जा के लिए करते थे, मैंने तो लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ जो जरूरतमंद हैं उनको उपहार दिया है. जो उनके काम आएगी. राशि का कहां उपयोग करना है यह मेरा अधिकार है.
इस पर छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार अलोक पुतुल न्यूज़लॉन्ड्री से कहते हैं, “जनता के लिए मिलने वाली राशि को कांग्रेस विधायक पत्रकारों को लुभाने के लिए खर्च कर रहे हैं. यह सरासर अनैतिक और गलत कृत्य है.”
बता दें कि कांग्रेस विधायक विनय जायसवाल ने पहली बार ऐसा नहीं किया है वह पहले भी सरकारी राशि को अपने लोगों को बांट चुके हैं. इससे पहले विधायक ने मनेंद्रगढ़ की महिला कांग्रेस ब्लाक अध्यक्ष को शिक्षा के नाम पर स्वेक्षानुदान की राशि वितरित की थी. विधायक ने महिला कांग्रेस ब्लाक अध्यक्ष के साथ ही महिला कांग्रेस नेत्रियों व कांग्रेस कार्यकर्ताओं को भी राशि वितरित की थी. लेकिन मामला सामने आने के बाद महिला कांग्रेस ब्लाक अध्यक्ष ने उस राशि को गरीबों को बांट दिया था.