दैनिक जागरण बार-बार पाठकों के साथ छल क्यों कर रहा है यह एक बड़ा सवाल है?
दैनिक जागरण देश का सबसे बड़ा अखबार होने का दावा करता है, इसलिए उससे उम्मीद की जाती कि वह काम भी वैसा ही करे. लेकिन लंबे समय से जागरण सरकार का गुणगान कर रहा है. अखबार ने एक बार फिर ऐसा ही किया है, जिस पर कई सवाल खड़े होते हैं. जागरण ने बुधवार यानी 13 अक्टूबर को जो खबर पहले पेज पर प्रकाशित की वह एक महीने पहले ही कई मीडिया संस्थानों के द्वारा प्रकाशित की जा चुकी है. हद तो तब हो गई जब यह खबर बाइलाइन के साथ प्रकाशित की गई. अब इस खबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित सरकार के मंत्री और भाजपा कार्यकर्ता अपने प्रचार के रूप में शेयर कर रहे हैं.
कई मीडिया संस्थानों ने एक माह पूर्व उत्तर प्रदेश सरकार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत शहरों में 250 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) खोलने की तैयारी कर रही है, ऐसी खबरों को प्रकाशित किया था. यह खबर दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत सहित कई मीडिया संस्थानों ने 17 सितंबर को अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित की थी.
खबर में दी गई जानकारियां इन मीडिया संस्थानों द्वारा लिखी गई खबर के समान हैं. यहां तक कि दैनिक जागरण ने भी अन्य मीडिया की तरह ही परिवार कल्याण महानिदेशक लिली सिंह द्वारा इस योजना पर पूर्व में दी गई जानकारी को सन्दर्भ बनाकर ही प्रकाशित किया.
ईटीवी भारत की खबर में लिखा गया है, "परिवार कल्याण महनिदेशक डॉ लिली सिंह के मुताबिक 250 नई अर्बन पीएचसी खोलने का प्लान है. इसका प्रस्ताव बनाकर एनएचएम को भेजा जा रहा है."
वहीं एक माह बाद दैनिक जागरण भी अपनी खबर में लिखता है, "परिवार कल्याण महानिदेशक डॉक्टर लिली सिंह ने बताया कि अर्बन पीएचसी खोलने का प्रस्ताव एनएचएम को भेजा गया है."
खबर में दी गई जानकारियों की बात करें तो वे भी लगभग समान हैं. जो तथ्य और सूचनाएं दैनिक भास्कर ने 17 सितंबर को अपनी खबर में लिखे हैं बिल्कुल वही तथ्य और सूचनाएं दैनिक जागरण ने 13 अक्टूबर को अपनी वेबसाइट और अखबार के मेरठ संस्करण में लिखे हैं.
भास्कर ने अपनी रिपोर्ट में लिखा, "राज्य में फिलहाल 590 के करीब अर्बन पीएचसी संचालित हैं. नगरीय इलाको में खुलीं इन अर्बन पीएचसी पर मुफ्त जांच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है. साथ की इन स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रसव भी कराने की व्यवस्था रहती है. घर के नजदीक खुले इन अस्पतालों से मरीजों को बड़ी राहत मिलती है."
वहीं जागरण ने कुछ शब्दों को बदलकर एक माह बाद वही जानकारी कुछ इस तरह अपने मुख्यपृष्ठ पर प्रकाशित की, "अभी राज्य में करीब 590 अर्बन पीएचसी हैं. अब नई पीएचसी खुलने से लोगों को और सहूलियत होगी. लोगों को घर के पास ही अस्पताल में मुफ्त इलाज व जांच की सुविधा मिलेगी. उन्हें इलाज के लिए लंबी दौड़ नहीं लगानी होगी. यही नहीं स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रसव भी कराए जाएंगे." हालांकि किसी भी खबर में यह नहीं लिखा गया है कि 250 नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की जानकारी कब दी गई है.
दैनिक जागरण पाठकों के साथ छल क्यों कर रहा है यह सवाल बार-बार उठ रहा है?