लखीमपुर खीरी: मृतक पत्रकार रमन कश्यप के परिवार पर एफआईआर बदलने का दबाव!

भाई पवन कश्यप के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने में भी प्रशासन कर रहा है हीला-हवाली.

Article image

वहीं रमन कश्यप की पत्नी 32 वर्षीय अराधना सदमे में हैं. उनके दो बच्चे 11 वर्षीय वैष्णवी और ढाई वर्षीय अभिनव अब अपने पिता को कभी नहीं देख पाएंगे. रमन के छोटे भाई रजत बताते हैं, "रमन एक निडर और सत्यवादी पत्रकार था. वो सच दिखाना चाहता था. उसने पत्रकारिता को सामाजिक कल्याण के लिए हथियार की तरह बना लिया था. कुछ महीनों पहले इलाके की एक बच्ची गायब हो गई थी. रमन ने उस न्यूज़ को कवर किया था. उस कवरेज के बाद वो बच्ची मिल गई. निघासन के पत्रकार 100-200 रुपए में बिक जाते हैं. लेकिन रमन भैया दलाली नहीं किया करते थे."

रमन कश्यप के परिवार को अब तक पुलिस ने एफआईआर और पोस्टमार्टम रिपोर्ट की कॉपी भी नहीं दी है.

तिकुनिया थाने के एसएचओ बलेंद्र गौतम ने न्यूज़लॉन्ड्री से पुष्टि की है कि एफआईआर की कॉपी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी तक परिवार को नहीं दी गई है. “यह आज शाम को दी जाएंगी. इस क्षेत्र में शव का परीक्षण नहीं किया गया था इसलिए उसे लाने में देरी हो रही है.” उन्होंने कहा.

यह पूछे जाने पर कि रमन का नाम किस एफआईआर में शामिल किया गया है, वह कहते हैं, “रमन का नाम किसानों द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में दर्ज किया गया है. और परिवार भी यही चाहता है."

रमन कश्यप का नाम भाजपा द्वारा दाखिल एफआईआर में शामिल करने के लिए दबाव बनाने के परिवार के आरोपों के बारे में, एसएचओ ने कहा, “कोई दबाव नहीं है. यह गलत सूचना है."

लेकिन रमन कश्यप के भाई पवन कश्यप कहते हैं, “मेरा भाई किसान नहीं है. वह बीजेपी के कार्यकर्ता भी नहीं हैं. वह एक पत्रकार थे. प्रशासन अपनी राजनीतिक सुविधा के अनुसार रमन के नाम का इस्तेमाल कर रहा है."

Also see
article imageलखीमपुर खीरी: एडिटर्स गिल्ड और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने पत्रकार रमन कश्यप की मौत पर जताई चिंता
article imageलखीमपुर खीरी फसाद: क्या गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र का बेटा वास्तव में घटनास्थल पर नहीं था?

Comments

We take comments from subscribers only!  Subscribe now to post comments! 
Already a subscriber?  Login


You may also like