सुरक्षित हाथों में है न्यूज़लॉन्ड्री दफ्तर से 'सर्वे' के दौरान लिया गया डेटा: आईटी विभाग

न्यूज़लॉन्ड्री की याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट ने आईटी विभाग से डेटा 'लीक' ना होने को कहा.

Article image

मंगलवार 21 सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान आईटी विभाग ने आश्वासन दिया कि पिछले सप्ताह न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यालय में "सर्वे" के दौरान जब्त की गई सामग्री "सुरक्षित हाथों" में है, और इसका उपयोग केवल "कानून के अनुसार" किया जाएगा. वहीं कोर्ट ने कहा, "डेटा लीक नहीं होना चाहिए. आईटी अधिनियम की धारा 138 के तहत निहित गोपनीयता की अवधारणा का पालन किया जाए."

बता दें कि आयकर विभाग की टीम 10 सितंबर को दोपहर के करीब 12 बजे "सर्वे" करने के लिए न्यूज़लॉन्ड्री कार्यालय में पहुंची थी. यह "सर्वे" आधी रात तक चला. इस दौरान टीम ने न्यूज़लॉन्ड्री के सीईओ और सह-संस्थापक अभिनंदन सेखरी का निजी फोन और लैपटॉप जब्त कर लिया था. आयकर टीम में मौजूद अन्य लोगों ने उपकरणों से डेटा कॉपी किया. करीब 13 घंटे चले "सर्वे" के दौरान आईटी टीम ने सेखरी को अपने वकील से बात करने तक की इजाजत नहीं दी.

17 सितंबर को हुई सुनवाई में, जस्टिस जेजे मनमोहन और नवीन चावला की पीठ ने इस ओर इशारा करते हुए कहा था, “हमने न्यूज चैनलों पर लोगों का डेटा लीक होते देखा है, नैतिक रूप से और कानूनी रूप से भी किसी का निजी डेटा लीक नहीं होना चाहिए"

अदालत ने आईटी विभाग के वकील को एक अंडरटेकिंग देने के लिए कहा था कि "सर्वे" के दौरान एकत्र किए गए डेटा को लीक नहीं किया जाएगा. साथ ही अदालत ने इस सन्दर्भ में वरिष्ठ आईटी अधिकारी को उपस्थित होने को कहा था.

अदालत के निर्देश पर आयकर विभाग की ओर से उप निदेशक दिग्विजय सिंह कोर्ट में पेश हुए. विभाग के वकील अजीत शर्मा ने अपनी दलीलें दर्ज करते हुए कहा, "जब्त सामग्री सुरक्षित है और इसे लीक नहीं किया जाएगा."

अदालत ने आईटी विभाग द्वारा दिए गए अंडरटेकिंग को स्वीकार किया. और कहा, "विभाग ऐसा करने को बाध्य है." न्यूज़लॉन्ड्री की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे ने अदालत से यह भी सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि विभाग के भीतर अन्य एजेंसियों के साथ साझा किए जाने पर भी डेटा "लीक" न हो. दवे के साथ मामले में जूनियर वकील निपुण कात्याल भी शामिल हुए.

न्यूज़लॉन्ड्री की ओर से दवे ने कहा, "आईटी विभाग की टीम के पास किसी का निजी डेटा लेने का अधिकार नहीं है. उन्होंने मेरा 300 जीबी निजी डेटा जब्त किया. अगर हमें इसे हटाने की अनुमति दी जाती, तो हम यहां नहीं आते. एक बार डेटा लीक हुआ तो उसे वापस लाना मुमकिन नहीं है."

दवे की याचिका को संबोधित करते हुए, न्यायमूर्ति मनमोहन ने जवाब दिया कि अदालत विभाग को अन्य एजेंसियों के साथ जानकारी साझा करने से नहीं रोक सकती है, हालांकि, यह सुनिश्चित कर सकती है कि डेटा का उपयोग जांच उद्देश्यों के लिए ही किया जाएगा. इसे लीक नहीं होने दिया जाएगा.

अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.

Also see
article imageक्या राणा अय्यूब ने चंदा लेकर एफसीआरए का उल्लंघन किया?
article imageमद्रास हाईकोर्ट ने आईटी नियमों के प्रावधान पर रोक लगाते हुए कहा- इसके चलते मीडिया की स्वतंत्रता होगी बाधित

Comments

We take comments from subscribers only!  Subscribe now to post comments! 
Already a subscriber?  Login


You may also like