तालिबान के काबुल शहर में प्रवेश की खबर मिलते ही सभी हिन्दू और सिख दुकानें बंद करके ‘करते परवान’ गुरुद्वारा में शरण लेने भागे. न्यूज़लॉन्ड्री ने काबुल में इन लोगों से बात की है.
वहीं भारत में रह रहे इन लोगों के परिवार चिंतित हैं. कुलदीप सिंह का पूरा परिवार काबुल में रहता है. लेकिन वो 2016 में भारत आ गए. वह बताते हैं, “2020 में गुरुद्वारा हर राय साहिब में हुए हमले में उनके दो भाई और चाचा की मौत हो गई थी. उन दोनों भाईयों के परिवार भी भारत आ गए. मेरा जीजा, भतीजा, दो बहने और मामा का परिवार शुक्रवार से करते परवान गुरूद्वारे में है. हमें उनके लिए चिंता हो रही है. हम गुरुद्वारा समिति के साथ संपर्क में हैं जो समय- समय पर हमें वहां के हालत की जानकारी देती है. सरकार से गुज़ारिश है कि उन्हें भारत लाने का प्रयत्न करे."
गुरुद्वारे के अंदर बैठे सिख समाज के लोगों ने सरकार से अपील करते हुए मंगलवार को एक वीडियो जारी किया. वीडियो में विनती की जा रही है, "तालिबानी काबुल में प्रवेश कर चुके हैं. बाहर हालात बहुत नाज़ुक हैं. हम यूनाइटेड सिख ऑर्गेनाइजेशन, भारत, यूएसए और कनाडा से विनती करते हैं कि हमें जितनी जल्दी हो सके यहां से बाहर निकलें. आगे कुछ भी हो सकता है."
यूनाइटेड सिख ऑर्गेनाइजेशन (भारत) के डायरेक्टर परविंदर सिंह नंदा ने न्यूज़लॉन्ड्री से बात की. उन्होंने बताया, "हम लगातार काबुल में फंसे हिन्दू और सिख परिवारों की सुरक्षा का ध्यान रख रहे हैं. हम कनाडा सरकार के साथ बातचीत में है. साथ ही यूएन हाई कमिशन फॉर रिफ्यूजी से भी संपर्क कर रहे हैं ताकि कनाडा की तरह भारत भी इन अफगान सिखों और हिन्दुओं को शरणार्थी के रूप में स्वीकार करे."
सोमवार को अकाली दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष मजिंदर सिंह सिरसा ने एक वीडियो सन्देश जारी किया. उसमें उन्होंने कहा, "मैं काबुल की गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष और संगत के लगातार संपर्क में हूं. मुझे बताया है कि हाल के घटनाक्रम के मद्देनजर काबुल के करते परवान गुरुद्वारे में 320+ अल्पसंख्यकों (50 हिंदुओं और 270+ सिखों सहित) ने शरण ली है. तालिबान नेताओं ने उनसे मुलाकात की है और उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया है. हमें उम्मीद है कि अफगानिस्तान में राजनीतिक और सैन्य बदलावों के बावजूद हिंदू और सिख सुरक्षित जीवन जी सकेंगे."
बता दें कि अफगानिस्तान में बिगड़ते हालातों को देखते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने फंसे भारतीयों को निकालने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है, “अफगानिस्तान में फंसे लोगों को बचाने के लिए 'अफगानिस्तान सेल' बनाया गया है. जिसे भी मदद चाहिए वो +919717785379 पर संपर्क कर सकता है. साथ ही विदेश मंत्रालय अफगानिस्तान में सिख और हिन्दू समुदाय के प्रतिनिधियों के संपर्क में है.”
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