समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन, किसान आंदोलन, लोकदल की पुनर्स्थापना और मुजफ्फरनगर के दंगों पर क्या कहना है राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी का.
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव कुछ ही महीने की दूरी पर हैं. ऐसे में सभी राजनीतिक दल चुनाव जीतने के लिए अपनी रणनीति तैयार कर चुके हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश मेें एक वक्त खासा ददबदबा रखने वाला राष्ट्रीय लोकदल भी उनमें से एक है. इसकी अगुवाई पहले चौधरी अजीत सिंह करते थे. लेकिन कोरोना की दूसरी लहर में उनकी असमय मौत के बाद अब रालोद की कमान उनके बेटे जयंत चौधरी के हाथ में है. उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों में जयंत चौधरी की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करने जा रही है. हालांकि अभी इसकी घोषणा होना बाकी है. जयंत चौधरी से न्यूज़लॉन्ड्री के कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया ने विस्तार से बात की है.
इस दौरान जयंत चौधरी ने किसान आंदोलन, कोरोना महामारी, रोजगार, गन्ने का भुगतान, मुजफ्फरनगर दंगे और आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी के साथ होने वाले गठबंधन पर खुलकर बात की.
किसनों से जुड़े एक सवाल पर जंयत कहते हैं, "आज किसान हाशिए पर हैं. किसान पिछले आठ महीनों से सर्दी, गर्मी और लाठियां झेल रहे हैं. लेकिन फिर भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. ऐसे में अब किसान चाहता है कि उसकी राजनीतिक दखल बढ़े. जब सरकार जनता की बात नहीं मानती है तो फिर एक ही रास्ता है कि सरकार को ही बदल दिया जाए."
वह आगे कहते हैं, "आने वाला चुनाव, कोरोना में हुई लोगों की मौत, गन्ने का भुगतान और रोजगार जैसे मुद्दों पर होगा."
इसके अलावा जयंत चौधरी ने मुजफ्फरनगर दंगो पर भी अपनी राय रखी है. साथ ही उन्होंने भारतीय किसान यूनियन और लोकदल के रिश्तों पर भी अपनी राय रखी है.
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