आरटीआई में उन बकायों की जानकारी दी गई है, जिन बिलों का बकाया केंद्रीय मंत्रालयों ने डीएवीपी को दिया था.
केंद्र सरकार द्वारा अखबारों में दिए गए विज्ञापन का 147 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया है. यह जानकारी एक आरटीआई से सामने आई है. वहीं सबसे पुराना बिल 2004 के विज्ञापन का दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) के पास लंबित है.
द हिंदू की खबर के मुताबिक, प्रिंट मीडिया अभियानों के लिए 76,000 से अधिक बकाया बिल हैं. वहीं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का 67 करोड़ और आउट डोर प्रचार का 18 करोड़ रुपए का भुगतान बकाया है.
आरटीआई में उन बकायों की जानकारी दी गई है, जिन बिलों का बकाया केंद्रीय मंत्रालयों ने डीएवीपी को दिया था. प्रिंट मीडिया का सबसे ज्यादा बकाया रक्षा मंत्रालय पर है. रक्षा मंत्रालय पर 12271 बिल हैं जिनका करीब 16 करोड़ बकाया है. वही वित्त मंत्रालय के पास 6668 बिल हैं जिनका करीब 13 करोड़ रुपए बकाया है. यह जानकारी 21 जून, 2021 तक अपडेट की गई है.
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के बकाया बिलों के बारे में पूछने पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बताया कि, बकाया बिलों की संख्या की पूरी सूची अभी उपलब्ध नहीं है और ना ही बिलों की तारीख के बारे में रिकॉर्ड बनाया गया है. हालांकि, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के बकायों को लेकर मिली जानकारी में 67 करोड़ का भुगतान किया जाना है, जिसमें सबसे ज्यादा बकाया सड़क परिवहन और राजमार्ग विभाग के पास है.