दिन ब दिन की इंटरनेट बहसों और खबरिया चैनलों के रंगमंच पर संक्षिप्त टिप्पणी.
बीते हफ्ते धृतराष्ट्र के दरबार में डंकापति की ताजा ताजा मंत्रिमंडल की रद्दोबदल और उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा पर गर्मागर्म चर्चा हुई. देश की सेहत बहुत खराब हो चुकी है और इसके लक्षण डंकापति के मंत्रिमंडल की खराब सेहत से लगाई जा सकती है. देश की लगभग 50 फीसद आबादी यानी महिलाओं की हिस्सेदारी सिर्फ, मात्र 14 फीसद है. इस देश की 14 फीसद आबादी मुसलमान है उसका सिर्फ एक नुमाइंदा है डंकापति के मंत्रिमंडल में. यह खुले आसमान में खोए-खोए चांद का सा मामला है इसलिए हमने इसका प्रतिशत निकालने की मेहनत भी नहीं की. देश की सेहत बहुत खराब हो चुकी है, डंकापति के नवरत्न उसके अक्स हैं.
इस हफ्ते हमने खबरिया चैनलों की कुछ धूर्तताओं पर रोशनी डाली है. यह धूर्तता चैनलों की सत्ताधारी वर्ग के साथ मिलीभगत का नतीजा है. जहां सत्ताधारी दल फंसा होता है वहां ये चालाकी से उन्हें बच निकलने का मौका देते हैं. आपको ये बात हम बार बार कहते हैं, एक बार फिर से कह रहे हैं. इस समस्या का इलाज आपको बनना है. न्यूज़लॉन्ड्री या फिर इस तरह के प्लेटफॉर्म जो आपके सब्सक्रिप्शन से चलें वही सत्ताधारी दलों के दाबाव से आजाद होकर पत्रकारिता कर सकते हैं. आपका छोटा सा सब्सक्रिप्शन एक आजाद मीडिया की बुनियाद बन सकता है.