महाराष्ट्र के अहमदनगर के जामखेड़ स्थित अम्बिका कला केंद्र के सामने से गुजरने वाली सड़क पर इन दिनों सन्नाटा पसरा रहता हैं. कोरोना के चलते यहाँ से गुजरने वाली गाड़ियों का रुख इस ओर रुक सा गया है. पिछले डेढ़ साल में इन कलाकारों की आजीविका पर कोरोना की ऐसी मार पड़ी कि इनका हाल बेहाल हो गया. अपने पूरे परिवार का अकेले ही पालन-पोषण करने वाली और सदियों से 'तमाशा' की इस कला को करती चली आ रही खानाबदोश कोल्हाटी जनजाति की ये महिलाएं कोरोना के समय रोज़ी रोटी के लिए दर-बदर मजदूरी करतीं भटक रही थी.
महाराष्ट्र में अब लॉकडाउन ख़त्म हो चुका हैं. कला केंद्र भी खुल चुके हैं. लेकिन यहां नाचने वाले कलाकारों को डर है कि अगर फिर से लॉकडाउन लगा तो वो क्या करेंगे.
ऐसे ही कई महिला कलाकारों और उनके डांस ग्रुप से जुड़े लोगों से न्यूज़लॉन्ड्री ने की बातचीत