छत्तीसगढ़ में हैं 418 साल के सरेई बाबा

पेड़ की उम्र उसकी मोटाई देखकर या नापकर तय होती है. इसके अलावा कार्बन डेटिंग से भी पेड़ का उम्र का पता चलता है.

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जंगल में कई महिलाएं साल बीज बीनते मिलीं. उनमें से एक आदिवासी महिला सुमित्रा ने कहा, “सरेई (साल) पेड़ हमारे लिए बहुत काम की चीज है. अभी हम इसके बीज 20 रुपये किलो में बेच रहे हैं, और बारिश के दिनों में इस पेड़ के नीचे जमीन के अंदर बोडा नामक मशरूम मिलता है जिसकी इस क्षेत्र में काफी मांग है. इसकी कीमत 300-400 रुपये तक होती है.”

छत्तीसगढ़ का राजकीय पेड़ साल है, जंगल विभाग ने 2018 में इस पेड़ की उम्र 415 साल बताई थी. साल पेड़ की औसतन उम्र 150 साल मानी जाती है. साल का बोटानिकल या वैज्ञानिक नाम है- शोरिया रोबोस्टा है. यह डीप्तेरोकापैसी कुल का सदस्य है.

धमतरी के नगरी क्षेत्र के जंगल साल के बड़े-बड़े और मजबूत पेड़ के लिए काफी प्रसिद्द रहे हैं.

साल के पेड़ की 9 प्रजातियां हैं

भारत के अलावा श्रीलंका और बर्मा में इस पेड़ की 9 प्रजातियां हैं. साल पेड़ हिमालय की तलहटी से लेकर 3000 फिट की उंचाई तक और असम, उत्तर प्रदेश, बंगाल, बिहार, झारखण्ड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश आदि राज्यों के जंगलों में साल के पेड़ मिलते हैं.

(साभार- डाउन टू अर्थ)

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