बता दें कि हाल ही में दैनिक भास्कर ने गंगा किनारे मिलने वाली लाशों को लेकर एक रिपोर्ट की थी. जिसके बाद अन्य मीडिया ने भी इसे कवरेज किया.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र कुमार ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा, “गंगा किनारे शवों को दफनाने की तस्वीरों को “एजेंडे” के तहत चलाया गया.”
उन्होंने कहा, “ऐसी ही तस्वीरें 2015 और 2017 में भी सामने आई थीं. यह सच है कि ये तस्वीरें वर्तमान समय की हैं और इसमें कोई दो राय नहीं है. लेकिन क्या वहां कोरोना वायरस की स्थिति के कारण ऐसा हुआ? ऐसा नहीं है, 2015 और 2017 में कोरोना नहीं था, लेकिन उस समय भी शवों को दफनाया गया था. उस समय कई शव मिले थे और उनकी भी तस्वीरें उपलब्ध हैं. इसलिए आधा सच दिखाना सही नहीं है.”
नरेंद्र कुमार ने आगे कहा, मीडिया को किसी घटना या व्यवस्था या कमियों को पेश करने में सावधानी बरतनी चाहिए, ताकि वह समाज में भय न फैलाएं, बल्कि जागरूकता पैदा करें.
संघ के पदाधिकारी ने कहा कि यह भी जरूरी है कि मीडिया किसी एजेंडे का हिस्सा न बने और बिना किसी डर के तथ्यों के आधार पर सच बताए.
बता दें कि हाल ही में दैनिक भास्कर ने गंगा किनारे मिलने वाली लाशों को लेकर एक रिपोर्ट की थी. जिसमें अखबार ने बड़े पैमाने पर लाशों को दफनाने का जिक्र किया था.