ईटीवी भारत के पत्रकार उमेश पांडेय पर बीजेपी नेता ने दर्ज कराई एफआईआर

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे तथा भारतीय जनता पार्टी की छवि धूमिल करने का लगा आरोप.

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बिहार के बक्सर में ईटीवी भारत के पत्रकार उमेश पांडेय ऊर्फ बंटी पांडेय पर एफआईआर दर्ज की गई है. यह एफआईआर भाजपा नेता और बक्सर विधान सभा के पूर्व प्रत्याशी परशुराम चतुर्वेदी की ओर से दर्ज कराई गई है. बक्सर के सदर थाना में उनपर 500, 506, 290, 420 और धारा 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

इस मामले पर पत्रकार उमेश पांडेय ने न्यूजलॉन्ड्री को बताया, "मुझे एफआईआर के बारे में 28 मई 2021 को पता चला. जब मैं बक्सर के सदर थाना के बगल में स्थित लॉकडाउन के चलते बंद पान की दुकान के पास खड़ा था, तभी मेरे दोस्तों और सहयोगियों ने कहा कि मुझ पर एफआईआर दर्ज हुई है. तब मैंने थाना प्रभारी को फोन किया. पता चला कि वह श्राद्ध में अपने घर गए हैं. इसके बाद मैंने अपने दोस्तों को भेजकर एफआईआर की कॉपी मंगवाई."

बता दें कि भाजपा नेता परशुराम चतुर्वेदी द्वारा सदर थानाध्यक्ष को दिए दस पन्ने के आवेदन में पत्रकार उमेश पांडेय पर धमकाने, मानसिक प्रताणना देने, राष्ट्रीय आपदा में सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने, पैसे के लिए ब्लेकमेलिंग करने, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे तथा भारतीय जनता पार्टी की छवि धूमिल करने का आरोप लगाया गया है.

उमेश पांडेय आगे कहते हैं, "जब मैंने 14 मई 2021 को सभी दस्तावेज के साथ खबर चलाई कि जनता से धोखा! पांच पुराने एम्बुलेंस पर नए स्टिकर लगाकर दूसरी बार वर्चुअल उदघाट्न करेंगे अश्विनी चौबे!"

इसके बाद इसका फॉलोअप अगले दिन भी छापा गया. इस खबर को बिहार विधानसभा के प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर बड़ा मुद्दा बनाया. जिसके बाद देशभर में यह खबर छा गई.

उमेश पांडेय कहते हैं, "20 मई 2021 को भाजपा नेता परशुराम चतुर्वेदी उनके घर आए थे. उस समय मैं अपनी गाय को सानी-पानी कर रहा था. उस वक्त दिन के लगभग ढाई-तीन बजे थे. उन्होंने मुझसे पूछा कि यह आपका ही घर है. उसके बाद उनको हमने शिष्टाचार पूर्वक चाय-पानी पिलाया. इस दरमियान उन्होंने कहा कि ऐसे खबर क्यों छापते हैं. मैंने उनसे कहा कि मैं अपना काम करता हूं. सबको अपना काम ईमानदारी से करना चाहिए. उसके बाद वे चले गए."

वहीं भाजपा नेता परशुराम चतुर्वेदी ने न्यूजलॉन्ड्री को बताया, "मैं एक बहुत बड़ी पार्टी का कार्यकर्ता हूं, हमारे नेता की छवि खराब हो रही थी. हमनें एफआईआर दर्ज कराई. हमने सारे सबूत दे दिए हैं. हमारा आरोप सही है. हम पीछे नहीं हटेंगे."

उधर पत्रकार उमेश पांडेय ने कहा कि उन्होंने खबर सबूत के आधार पर लिखी है. सभी सबूत संस्थान को भी उपलब्ध करा दिए हैं. संस्थान हमारे साथ खड़ा है. मैं अपनी खबर के साथ हूं. पीछे नहीं हटूंगा.

वहीं न्यूजलॉन्ड्री ने बक्सर पत्रकार संघ के प्रवक्ता कपिंद्र किशोर से भी बात की. वह कहते हैं, "पत्रकार संघ पत्रकारों और पत्रकारिता के हित में उमेश पांडेय के साथ खड़ा है. हम हर तरह से समर्थन देंगे. खबर लिखने पर एफआईआर करना पत्रकारों को डराने और धमकाने तथा चुप कराने के प्रयास को विफल किया जायेगा."

इस पर बक्सर पुलिस अधीक्षक फोन पर कहते हैं, "एफआईआर की पुष्टि मैं कर रहा हूं. बाकी सारी डिटेल थानाध्यक्ष बताएंगे. आप उन्हीं से बात कीजिये."

न्यूजलॉन्ड्री ने जब बक्सर सदर थानाध्यक्ष से इस केस के संबंध में संपर्क किया तो उन्होंने कहा, "इस केस के बारे में मैं फोन पर कुछ नहीं बता सकता हूं. सीनियर ऑफिसर ही इस बारे में कुछ बता सकते हैं."

भोजपुर प्रेस क्लब के संरक्षक और दैनिक हिंदुस्तान के वरिष्ठ पत्रकार प्रशांत कुमार ने उमेश पांडेय पर हुई एफआईआर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "केंद्र सरकार फांसीवादी सरकार है. वह तमाम लोकतांत्रिक मूल्यों को हर तरीके से दबाना चाहती है. उसी का कार्बन कॉपी बिहार की सरकार है. एफआईआर कर पत्रकारों को डराना चाहती है. हम उन्हें कामयाब नहीं होने देंगे."

उधर डुमराव विधानसभा क्षेत्र के विधायक अजीत कुशवाहा कहते हैं, "बक्सर के सांसद अश्विनी चौबे कोरोना काल में नदारद रहे. एक जागरूक पत्रकार के तौर पर उमेश पांडेय ने रिपोर्टिंग की है. और सवाल उठाया है. जिसके बाद उनपर एफआईआर हुई. पत्रकारों को डराकर-धमकाकर देश को खोखला करने का प्रयास किया जा रहा है. हम इसका विरोध करते हैं."

नाम न लिखने की शर्त पर ईटीवी भारत के एक पत्रकार ने बताया, "संस्थान उमेश पांडेय के साथ खड़ा है. उमेश के पास तमाम रिपोर्टिंग के तथ्य और सबूत मौजूद हैं. भारतीय जनता पार्टी के लोग खबरों पर बात करने के बदले या उस खबर को खंडन करने के बदले पत्रकारों को डराने-धमकाने के लिए एफआईआर का सहारा ले रही है. इसका हम डटकर मुकाबला करेगे."

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