क्विंट द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि, केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए आईटी नियमों से कानून के समक्ष समानता और बोलने व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन होगा.
दिल्ली हाईकोर्ट ने नए डिजिटल नियमों को चुनौती देने वाली द क्विंट की याचिका पर सुनवाई टाल दी. केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए आईटी नियमों को चुनौती देने वाली इस याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सुनवाई की.
द क्विंट की याचिका में कहा गया है कि, केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए आईटी नियमों से संविधान के अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 19 (1) (ए), जिसमें कानून के समक्ष समानता और बोलने व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार शामिल है, उसका उल्लंघन होगा. साथ ही याचिका में यह भी कहा गया कि, केंद्र द्वारा 25 फरवरी को जारी किए गए नए आईटी नियम, सरकारी निरीक्षण और एक "आचार संहिता" लगाकर डिजिटल समाचार पोर्टलों को विनियमित करने की मांग करते हैं, इसलिए यह आईटी अधिनियम के दायरे से परे हैं.
हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई को आज चार अगस्त तक के लिए स्थगित कर दिया. वेकेशन बेंच ने कहा कि वह इस समय केवल जरूरी मामलों की ही सुनवाई कर रही है.
द क्विंट के अलावा द वायर ने भी इन नए आईटी नियमों के खिलाफ याचिका दायर की है. हाईकोर्ट ने इन दोनों की याचिका को जोड़ दिया है.
बता दें, बुधवार को ही व्हाट्सएप ने नए आईटी नियमों को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी. गुरुवार को इस पर जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया के नए नियम केवल दुरुपयोग रोकने के लिए बनाए गए हैं. इससे यूजर्स की निजता को किसी भी प्रकार का खतरा नहीं है.