16 मई को हरियाणा के मेवात इलाके मेें रहने वाले आसिफ खान की हत्या कर दी गई. क्या यह हत्या धार्मिक नफरत के कारण की गई?
आरोपियों ने आसिफ को क्यों मारा?
आरोपी जमीदार हैं और गांव में ही खेती करते हैं. न्यूज़लॉन्ड्री ने आरोपियों के परिवार से भी बात की. आरोपी महेंद्र और अनूप बाप-बेटे हैं. घटना के बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है. इनके भाई जगदीश ने न्यूज़लॉन्ड्री से बात की.
जगदीश बताते हैं, “आसिफ और पटवारी दोनों के बीच साल 2011 में स्कूल में विवाद हुआ था. तब से दोनों में खटपट चल रही थी. दोनों ने एक दूसरे को कई बार घर के बाहर घेरा है. इन झगड़ों में गांव से बाहर के लोग भी बुलाए जाते थे. डेढ़ महीने पहले दोनों के बीच पानी भरने को लेकर मामूली झगड़ा हुआ था. पटवारी के मामा का लड़का पानी भरने गया था जहां आसिफ के परिवार के लोग भी पानी भरने आये थे. वहां इन दोनों के बीच लड़ाई हो गई. किसी ने पानी की बाल्टी उठाकर फेंक दी तो किसी ने चाटा मार दिया. बस इतना ही हुआ था. इसके बाद दोनों तरफ से माफ़ी मांग ली गई. लेकिन इसके बाद भी दोनों तरफ के लोगों ने कई बार एक दूसरे पर हमला किया. दोनों एक दूसरे को मरने-मारने की धमकी देते थे. ये काफी दिनों से चल रहा था. लेकिन किसी को भनक नहीं थी कि ये लोग आसिफ को जान से मार देंगे."
जब हम आरोपी पटवारी के घर पहुंचे तो वहां कोई नहीं था. जगदीश ने हमें बताया कि घटना वाले दिन से ही पटवारी और आडवाणी अपने पूरे परिवार के साथ फ़रार हो गए हैं. ऐसा पहली बार हुआ है कि दोनों अपनी पत्नी और बच्चों को लेकर यहां से रातों-रात भाग गए.
जगदीश यह भी बताते हैं कि आसिफ के खिलाफ भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. एसपी ने शर्त रखी है कि जब हम पटवारी और आडवाणी को ढूंढ़कर लाएंगे तभी हमारे लोगों को छोड़ा जाएगा.
न्यूज़लॉन्ड्री ने खेड़ा खलीलपुर के निवासियों से इस घटना के बारे में जानने की कोशिश की जिसे सोशल मीडिया पर मॉब लिंचिग बताया जा रहा था. खेड़ा खलीलपुर गांव के निवासी 60 वर्षीय मोहम्मद शरीफ बताते हैं, “गांव में लोग मिलजुल कर रहते हैं. ऐसा गांव में पहली बार हुआ है. हमने कभी नहीं सोचा था मामला इतना बड़ा हो जाएगा और आसिफ को इतनी बेरहमी से मारा जाएगा. मैंने उसकी लाश देखी है. उसके पेट में सरिया और पेचकस से मारा गया था. पूरे शरीर पर घाव थे. हड्डियों का चूरा-चूरा कर दिया. लड़के को तड़पा-तड़पाकर मारा गया था. आरोपियों को फांसी होनी चाहिए,"
शरीफ भी दोनो पक्षों के बीच पहले से जारी मनमुटाव की पुष्टि करते हैं. “दोनों गुटों में पहले से झगड़ा था. पांच साल से इनकी रंजिश चल रही थी. स्थिति इतनी आक्रामक हो जाती थी कि ये लोग बाहर से गुंडे बुला लेते थे. पहले भी पुलिस को बुलाकर मामला सुलझाया गया था."
पुलिस ने क्या कहा?
यह मामला रोजका मेव थाने में चल रहा है. हमारी बात थाने के एसएचओ मुल्तान सिंह से हुई. उन्होंने बताया, “पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह पुष्टि होती है कि आसिफ की मौत डंडे से मारकर हुई है. उसे बेरहमी से पीटा गया. पुलिस की जांच जारी है. मुख्य आरोपी पटवारी और आडवाणी घटना के दिन से फरार हैं. हम उन्हें पकड़ने की पूरी कोशिश कर रहे हैं,"
मुल्तान सिंह ने यह भी बताया कि आसिफ और फरार आरोपियों के खिलाफ सोना और सोना सिटी में अलग-अलग आपराधिक मामले दर्ज हैं. ये मामले अपहरण, चोरी, डकैती और धमकाने से जुड़े हैं. हालांकि पुलिस ने आसिफ को गोली मारे जाने की बात को बेबुनियाद बताया है. अब तक खेड़ा खलीलपुर गांव से दो लोगों, महेंद्र और अनूप की गिरफ्तारी हुई है. बाकी गिरफ्तारियां आस-पास के गांव से हुई हैं. अभी तक कुल मिलाकर छह गिरफ्तारी हुई हैं.