उत्तर प्रदेश में कोरोना के हालात किस कदर खराब हैं यह जगजाहिर है इसके बावजूद खबरिया चैनल और अखबार योगी सरकार की तारीफ के कसीदे पढ़ रहे हैं.
उत्तर प्रदेश में कोरोना के हालात किस कदर खराब और चिंताजनक हैं यह किसी से नहीं छुपा है. आप न्यूजलॉन्ड्री की वेबसाइट पर जाकर भी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से कोविड के हालात पर की गईं रिपोर्टों को देख और पढ़ सकते हैं. लेकिन बावजूद इसके खबरिया चैनल और अखबार योगी सरकार की तारीफ के कसीदे पढ़ रहे हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा एक सर्वे के बाद बताया गया है कि देश का सबसे बड़ा राज्य गांवों में कोरोना टेस्टिंग कर कोरोना के संक्रमण को रोक रहा है. “उत्तर प्रदेश कोरोना वायरस को रोकने के लिए आखिरी मील तक जा रहा है” शीर्षक से लिखे इस फीचर आर्टिकल में संगठन ने बताया है कि डोर-टू-डोर टेस्टिंग कोरोना संक्रमण के खतरे को कम कर रही है.
खास बात यह है कि इस कार्यक्रम की ट्रेनिंग और प्लानिंग विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ही उत्तर प्रदेश सरकार को दी है. संगठन ने कहा इस रिपोर्ट के लिए उसके कर्मचारियों ने 2 हजार सरकारी टीमों के जरिए 10 हजार परिवारों से बात की. साथ ही संगठन उत्तर प्रदेश सरकार को भी रिपोर्ट बनाने में मदद करेगा.
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Contributeइस खबर को चैनलों और देश के प्रमुख अखबारों ने ऐसे बताया जैसे प्रदेश में सबकुछ ठीक है और गांवों में कोरोना संक्रमण को कोई खतरा नहीं है. जबकि इसकी सच्चाई यह है कि हर दिन अलग-अलग जिलों से गंगा नदी में लाशें मिल रही हैं, कुछ लाशें तो बह कर पड़ोसी राज्य में भी चली गईं. गांवों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं हैं, जहां हैं वहां जांच की व्यवस्था नहीं.
हिंदुस्तान अखबार ने लिखा कि “डब्ल्यूएचओ ने यूपी के गांव ट्रेनिंग मॉडल को सराहा” अखबार ने इस खबर में बताया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट में गहन रिसर्च करने के बाद यह रिपोर्ट जारी की है जिसमें योगी सरकार की तारीफ की गई है. साथ ही यह भी बताया है कि यह लगातार दूसरी बार है जब संगठन ने योगी सरकार के कोविड मैनेजमेंट की तारीफ की है.
अमर उजाला ने अपनी वेबसाइट पर इस रिपोर्ट को लेकर प्रकाशित खबर में लिखा कि, “यूपी: डब्ल्यूएचओ हुआ योगी सरकार का मुरीद, जानिए क्या कहा कोरोना को लेकर”, इस खबर में भी हिंदुस्तान की तरह की तारीफों के पुल बांधे गए हैं.
वहीं सरकार के प्रति हमेशा उदार रहने वाला दैनिक जागरण कहां पीछे रहने वाला था. अखबार ने अपनी वेबसाइट पर लिखा, “दस दिन में कम हुए करीब एक लाख एक्टिव केस, डब्ल्यूएचओ ने भी योगी आदित्यनाथ सरकार के प्रयास को सराहा”.
इस खबर में कम हुए कोरोना मामलों को डब्ल्यूएचओ की तारीफ वाली रिपोर्ट से जोड़ते हुए योगी सरकार की तारीफ की गई है. खबर में कहा गया है कि सरकार के बेहतर कोरोना मैनेजमेंट के कारण प्रदेश में कोरोना के मामले कम हुए हैं जिसकी तारीफ विश्व स्वास्थ्य संगठन भी कर रहा है.
कुछ इसी तरह नवभारत ने भी अपनी वेबसाइट पर खबर प्रकाशित की है. जिसमें सरकार की तारीफ करती हुई रिपोर्ट का जिक्र है. इन सभी खबरों में एक समानता यह है कि, इन खबरों में ज्यादातर समाचार एक समान हैं. उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए बयान को भी सभी ने अपनी खबर में स्थान दिया है.
स्वास्थ्य संगठन कि रिपोर्ट आने के बाद से एक बार फिर से योगी सरकार की सभी तारीफ करने लगे हैं. इस बात पर किसी ने ध्यान नहीं दिया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इस काम में सरकार की मदद कर रहा है. यानी कि संगठन का भी सरकार को सहयोग है. द वीक ने अपनी एक रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए बयान के हवाले से लिखा है कि, योगी आदित्यनाथ सरकार कह रही है कि उसकी तारीफ डब्ल्यूएचओ ने की लेकिन डब्ल्यूएचओ ने खुद के द्वारा किए गए कामों का भी जिक्र किया है. जिसके बारे में कम बात की जा रही है.
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