कोरोना की इस भीषण आपदा में कुछ ऐसी भरोसेमंद संस्थाएं हैं जो लोगों का सहारा बन गई हैं. यहां हम कुछ ऐसे कोरोना योद्धाओं का जिक्र कर रहे हैं जो पीड़ितों की हर मुमकिन मदद कर रहे हैं. आप भी इनके जरिए अपनी मदद कोरोना के पीड़ितों तक पहुंचा सकते हैं.
अस्पतालों को स्ट्रेचर और ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया करा रहा है संगठन
श्री भगत सिंह यूथ ब्रिगेड नामक संगठन अब तक कई लोगों की मदद कर चुका है. यह संगठन पिछले वर्ष 23 मार्च से कोविड पीड़ितों की मदद करता आ रहा है. इनके पास अपनी निजी गाड़ियां हैं जिनको एम्बुलेंस में परिवर्तित कर दिया गया है. ये गाड़ियां जिनको भी ज़रूरत है उनके घर पहुंच जाती हैं. इसके अलावा इनके पास सैनिटाइज़र मशीन हैं. जो लोग कोरोना संक्रमित हैं वे संगठन के सदस्यों को अपने घर सैनिटाइज करने के लिए बुला सकते हैं.
संगठन के अध्यक्ष दीप खत्री् ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, “बुधवार सुबह सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र अस्पताल में उन्होंने स्ट्रेचर की कमी पूरी कराई है. कोरोना के समय कई अस्पतालों को ऑक्सीजन सिलेंडर मिलने में दिक्कत आई. अस्पताल वेंडर को कैश पेमेंट देकर हम सिलेंडर खरीदते हैं. कई बार सरकार से पैसा आने में देरी के चलते अस्पताल सिलेंडर नहीं खरीद पाते. ऐसे में श्री भगत सिंह यूथ ब्रिगेड ने अब तक 300 सिलेंडर खरीदकर अस्पतालों को दिए हैं. हाल में संगठन ने राजा हरिश्चंद्र अस्पताल को सिलेंडर दिलवाने में मदद की. संगठन किसी से कोई पैसा नहीं लेता. सदस्य दिन में अस्पतालों के बाहर भोजन बांटते हैं.”
नंबर है- 9811472335.
चाइना से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदकर की जाएगी मदद
आईआईटी कानपूर के पूर्व छात्रों ने सेफ लाइफ फाउंडेशन एनजीओ के साथ मिलकर एक अनोखी पहल की शुरुआत की है. ब्रीथ इंडिया अभियान के तहत ये लोग चाइना से 250 ऑक्सीजन कन्सेंट्रेटर्स खरीदेंगे जो कि कोरोना मरीज़ों की सहायता के लिए दिल्ली सरकार के अस्पतालों को दिए जाएंगे.
इस पहल ने महज तीन दिनों में ही एक करोड़ रुपए से अधिक राशि जुटा ली है. आशुतोष रंका ने इस पहल का ज़िम्मा उठाया है. न्यूज़लॉन्ड्री से बातचीत में आशुतोष बताते हैं, “उनकी इस पहल का लोगों से सहयोग मिल रहा है. आने वाले दिनों में 1000 कंसंट्रेटर्स और अन्य मेडिकल उपकरण मंगवाए जाएंगे जिन्हें उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में उपकरणों की कमी को पूरा करने के लिए भेजा जाएगा. सेफ लाइफ फाउंडेशन पिछले वर्ष आए कोरोना संकट के समय से ही दिल्ली सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है.
डोनेशन लिंक- https://milaap.org/fundraisers/support-arrange-oxygen-concentrators-in-delhi#
घर-घर बांटा जा रहा है मुफ़्त पौष्टिक आहार
हैदराबाद में मुफ़्त खाने की सेवा घर-घर पहुंच रही है. हेल्पिंग पोस्ट के बैनर तले 15 वालंटियर हैदराबाद शहर में कोविड संक्रमित मरीज़ों और उनके परिवार को दो समय का मुफ़्त खाना बांट रहे हैं. कॉलेज के छात्र खाना डिलीवर करने में उनकी मदद करते हैं. ये लोग पिछले दो हफ़्तों से रोज़ाना 200 मरीज़ों को दो समय का मुफ़्त खाना पहुंचा रहे हैं.
हेल्पिंग पोस्ट की तरह ही ‘कोविड अन्नपूर्णा’ अभियान भी शुरू किया गया है. ये लोग भी रोज़ाना 200 कोविड मरीज़ों तक खाना पहुंचा रहे हैं. ज़्यादा लोगों की संख्या होने की वजह से अब मरीज़ स्विगी और जोमैटो पर 'योगा विगणना केंद्र केपीएचबी' सिलेक्ट कर अपने लिए खाना बुक कर सकते हैं.
इनका नंबर है- 9441887766.
वहीं युवा क्रान्ति रोटी बैंक छपरा (बिहार) के लोगों को मुफ़्त खाना मुहैया करा रहा है. ये लोग पिछले तीन सालों से बेघर लोगों को घर का खाना बनाकर बांट रहे हैं. पिछले एक महीने से ये लोग हर दिन 100 लोगों को मुफ्त में पौष्टिक खाना भिजवा रहे हैं.
इनका नंबर है- 9661660003.
सहायता के लिए हाथ बढ़ाता 'मदद' ग्रुप
मदद ग्रुप के सदस्य अब तक 500 से अधिक ज़रूरतमंदों की मदद कर चुके हैं. ये लोग बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर और दवाइयां दिलवाने में मरीज़ों की हर मुमकिन कोशिश करते हैं. जब टीम के पास मदद के लिए कोई कॉल आता है, तो टीम के किसी सदस्य को मदद करने की ज़िम्मेदारी दी जाती है. टीम के लोग मदद करने के बाद मरीज़ की हालत पर नज़र रखते हैं. वे ऐसे लोगों का डाटा भी तैयार कर रहे हैं जो मरीज़ उनकी मदद से ठीक हो चुके हैं और प्लाज्मा दे सकते हैं.
न्यूज़लॉन्ड्री से की बातचीत में मदद ग्रुप के सदस्य सत्यचरण लकी ने बताया, “कोरोना के बढ़ते संक्रमण के डर से लोग एक दूसरे की मदद करने से कतरा रहे थे. उस समय उन्होंने और उनकी टीम के सदस्यों ने फैसला किया कि वे 'मदद' के ज़रिए मरीज़ों और ज़रूरतमंद परिवारों की सहायता करेंगे.
इनका नंबर है- 7525930119.
बता दें कि इन्हीं के जैसे कई और संगठन कोरोना काल में ज़रूरतमंद परिवारों और मरीज़ों की मदद कर रहे हैं. इस समय जब लोग एक-दूसरे के पास जाने और मदद करने से डर रहे हैं तब इन योद्धाओं ने ही आगे आकर लोगों की ज़िन्दगी बचाने का संकल्प लिया है.
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अपडेट
श्रमिकों को बांटी जा रही है मुफ़्त राशन किट
दिल्ली स्थित रेड फाउंडेशन ने कोरोना के तेज़ होते संक्रमण को देखते हुए 'नो वन स्लीप्स हंगरी' नाम से अभियान की शुरुआत की है. इस अभियान के अंतर्गत उन मज़दूर परिवारों की मदद की जा रही है जो रोज़ की कमाई पर निर्भर थे लेकिन लॉकडाउन के बाद से उनका काम बंद हो गया है. संगठन द्वारा बांटी जाने वाली हर राशन किट में एक हफ़्ते का राशन, आटा, चावल, सब्जी, बिस्कुट और साबुन रहता है. संगठन के संस्थापक सचिन भरवाल ने न्यूज़लॉन्ड्री से बात की.
वह कहते हैं, "हम जरूरतमंद लोगों को राशन बांट रहे हैं. यह सभी वह लोग हैं जो प्रवासी मजदूर हैं. रोज़ाना कमाना और खाना इन लोगों का पेशा होता है लेकिन जैसे जैसे लोकडाउन बढ़ता गया, वैसे वैसे इन मजदूरों के सामने दो वक़्त के खाने का संकट बढ़ गया है. यह लोग रोज़ाना कमाते-खाते हैं लेकिन लॉकडाउन के चलते अभी कोई काम नहीं है. काफी लोगों ने हमें फोन कर के सहायता मांगी. तब हमने एक मुहिम चलाई 'नो वन स्लीप्स हंगरी'. इसका मकसद है कि हमारे आस पास कोई भी व्यक्ति काम न होने की वजह से भूखा न सोए. इस मुहिम के लिए हमने सोशल मीडिया का सहारा लिया और अपने स्कूल- कॉलेज के दोस्तों और रिश्तेदारों से भी मदद की गुहार की."
रेड फाउंडेशन की मदद करने या उनसे किसी भी सहायता के अपेक्षित 9990011190 पर संपर्क कर सकते हैं.
देहरादून में लगाया जाएगा ऑक्सीजन प्लांट
द दून स्कूल ओल्ड बॉयस सोसाइटी (डोसको) अपनी अनोखी पहल 'डोसको इम्पैक्ट' के तहत कोरोना की दूसरी लहर में पीड़ितों की मदद कर रहा है. डोसको ने अब तक कई अलग- अलग अस्पतालों में तैनात मेडिकल स्टाफ़ को तीन हज़ार पीपीई किट, एक लाख फेस मास्क और नौ हज़ार हैंड ग्लव्स पहुंचाए हैं. संगठन उदय फाउंडेशन के साथ मिलकर बस्तियों में रहने वाले लोगों तक कोविड किट, खाना और सूखा राशन पहुंचाने में मदद कर रहा है. इसके अलावा डोसको ज्ञानोदय फाउंडेशन के साथ मिलकर मेरठ में श्रमिकों को मुफ्त पौष्टिक आहार भी खिला रहा है. जल्द ही संगठन देहरादून के पास एक विशाल ऑक्सीजन प्लांट भी स्थापित करेगा.
डोसको के अध्यक्ष तरुण ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, "ऑक्सीजन प्लांट के लिए औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं और जून में प्लांट का काम सक्रिय हो जाएगा. डोसको अब तक देशभर में कई अस्पतालों को ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर मुहैया करा चुका है इनमे दिल्ली का गुरु तेग़ बहादुर अस्पताल शामिल है. संगठन के पास हेल्पडेस्क भी है जो दिल्ली, राजस्थान, बैंगलोर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ज़रूरतमंद लोगों की दिन-रात मदद कर रहा है. नंबर डोसको की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं. इसके अलावा डोसको 1,15,000 लीटर सैनिटाइज़र और चार लाख रूपए तक की मुफ्त दवाइयां संक्रमितों तक पहुंचा चुका है."
डोसको इम्पैक्ट द्वारा चलाए जा रहे अभियान को आर्थिक सहायता देने के लिए उनकी वेबसाइट https://www.ketto.org/fundraiser/dsobs-covid-relief पर जाकर डोनेट कर सकते हैं.
ऑक्सीजन की कमी को पूरा कर रहा है वेलहम ब्रीथ
उत्तराखंड के वेलहम गर्ल्स बोर्डिंग स्कूल की पूर्व छात्राओं ने एनजीओ मिशन ऑक्सीजन के साथ मिलकर 'वेलहम ब्रीथ' की शुरुआत की. इस अभियान के अंतर्गत अस्पतालों में भर्ती कोविड मरीज़ों को मुफ्त ऑक्सीजन मुहैया कराई जा रही है. वेलहम ब्रीथ के तहत ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर इम्पोर्ट किए जा रहे हैं और उन्हें उन अस्पतालों को दिया जा रहा है जहां कोरोना संक्रमितों का इलाज चल रहा है.
वेलहम ब्रीथ की चीफ कैम्पेन अफसर दिशा चोपड़ा ने न्यूज़लॉन्ड्री को बताया, "देश ने दूसरी कोरोना लहर के रूप में भयानक त्रासदी को अनुभव किया है. इस समय लोग ऑक्सीजन के बिना तड़पकर मर रहे हैं. अस्पतालों के बाहर डर, दहशत और बेबसी का मंज़र है. ऐसे में 'वेलहम ब्रीथ' जैसी पहल ज़रूरी है."
वह आगे कहती हैं, "लोगों के सहयोग से वेलहम ब्रीथ ने अपने पहले 24 घंटों में ही निर्धारित टारगेट जितना पैसा जोड़ लिया था. वेलहम गर्ल्स स्कूल और मिशन ऑक्सीजन के इस साझा मिशन ने कुछ ही दिनों में 27,60,341 रुपए जोड़ लिए हैं. मिशन ऑक्सीजन एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) है जो देशभर के अस्पतालों में ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर मुहैया कराता है. संगठन को कई बड़ी हस्तियों जैसे सचिन तेंदुलकर, अभिषेक बच्चन, मलाइका अरोड़ा, आदि से सहयोग मिल चुका है."
न्यूज़लॉन्ड्री ने मिशन ऑक्सीजन के वरुण अग्रवाल से भी बात की. उन्होंने बताया, "इस महीने के अंत तक वे छह हज़ार ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर बांटेंगे. संगठन देशभर में 28 ऑक्सीजन प्लांट लगाने जा रहा है. दिल्ली के दीनदयाल अस्पताल में बना पहला ऑक्सीजन प्लांट बनाने में संगठन की अहम भूमिका रही है."