दिल्ली के अस्पतालों में बेड हैं लेकिन ऑक्सीजन खत्म होने के कारण मरीजों की भर्ती बंद

दिल्ली में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच ऑक्सीजन सिलेंडर कम पड़ गए हैं. इसके चलते कई अस्पताल मरीज़ों को एडमिट करने से मना कर रहे हैं. अब मरीज़ों को उनका ऑक्सीजन लेवल पूछकर ही बेड दिया जा रहा है.

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दिल्ली में कोरोना वायरस तेज़ी से फैल रहा है. लगातार मरीज़ों का आंकड़ा बढ़ने के चलते सुविधाएं कम पड़ती जा रही हैं. अस्पतालों के पास आवश्यक दवाएं, इंजेक्शन और ऑक्सीजन सिलेंडर ख़त्म हो गए हैं. ऐसे मे अस्पताल मरीज़ों को बेड देने से मना कर रहे हैं.

दिल्ली में कोविड-19 की स्थिति बिगड़ने के चलते आम आदमी पार्टी की सरकार ने राज्य में 14 निजी अस्पतालों और छह सरकारी अस्पतालों को कोविड सुविधा में बदल दिया है. इन सभी अस्पतालों के नंबर और इनमें बेड की सुविधाओं से जुड़ी सभी जानकारियां दिल्ली सरकार की वेबसाइट पर मौजूद हैं. ऑक्सीजन सिलेंडर की किल्लत के चलते बेड होने के बावजूद भी इन अस्पतालों में नए मरीज़ की भर्ती नहीं हो पा रही है. न्यूज़लॉन्ड्री ने इस वेबसाइट पर दिए नम्बरों पर बात की. बात करने पर पता चला कि कई अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म हो चुके हैं, इसलिए वो मरीज को भर्ती नहीं कर पाएंगे.

बुराड़ी अस्पताल में केवल नॉन-ऑक्सीजन बेड दिए जा रहे हैं. जीवन मोती खेरा (नांगलोई) और तुलसी मल्टी स्पेशलिटी (शाहदरा) अस्पताल में फोन करकने पर हमें बताया गया कि उनके यहां बेड तो उपलब्ध हैं लेकिन ऑक्सीजन नहीं होने के कारण मरीज को भर्ती नहीं किया जा सकता. मरीज़ों की बढ़ती संख्या को देखते हुए कई निजी अस्पताल मरीज़ के स्वास्थ्य को आधार बनाकर बेड दे रहे हैं. यानी जिसकी हालत ज़्यादा नाज़ुक है, उसे पहले बेड दिया जाएगा.

मेडस्टार (पश्चिम विहार) और स्टीफेंस (तीस हज़ारी) में हमने बात की सामने आया कि मरीज़ का ऑक्सीजन लेवल पूछकर ही बेड दे रहे हैं. वेंकटेश्वर अस्पताल (द्वारका) में बेड तो उपलब्ध हो जाएगा लेकिन ऑक्सीजन मिल पाना मुश्किल है. वहीं होली फैमिली अस्पताल (ओखला) के इमरजेंसी में कुछ बेड मौजूद हैं जो कोविड मरीज़ों को दिए जा रहे हैं. महाराजा अग्रसेन अस्पताल (पंजाबी बाग) में भी ऑक्सीजन वाले बेड फुल हो चुके हैं.

लगभग यही हालात दिल्ली सरकार के अस्पतालों में भी है. हमने दिल्ली सरकार के छह अस्पतालों में फोन पर बात की. दीपचंद बंधु अस्पताल (अशोक विहार) में न ही बेड मौजूद है और न ही ऑक्सीजन का कोई सिलेंडर. मंगलवार रात नौ बजे तक अस्पताल में कुछ बेड मौजूद थे. लेकिन हमें बताया गया कि ये बेड गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए आरक्षित रखे गए हैं. इस समय वेबसाइट पर 10 बेड खाली दिखाई दे रहे थे, लेकिन कोविड मरीज़ के लिए बेड देने से वहां के प्रशासन ने इनकार किया.

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जबकि दीनदयाल उपाध्याय हॉस्पिटल (हरी नगर) में "फर्स्ट कम, फर्स्ट सर्व" के आधार पर बेड दिए जा रहे हैं. दिल्ली सरकार के संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल (मंगोलपुरी) में भी ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म हो चुके हैं. वहीं डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर अस्पताल में बेड और ऑक्सीजन सिलेंडर फुल हैं. कोई जगह खाली नहीं है.

इसके अलावा दिल्ली सरकार की वेबसाइट पर दिए गए कई अस्पतालों के नंबर कई घंटों तक व्यस्त बताते रहे या स्विच ऑफ थे. राजधानी के दो बड़े अस्पताल एम्स और सफदरजंग अस्पताल के सभी कोविड हेल्पलाइन नंबर व्यस्त थे या फिर रिसीव ही नहीं किए गए. वेबसाइट के अनुसार राम मनोहर लोहिया अस्पताल में 42 बेड दिख रहे थे. लेकिन कॉल करने पर बताया गया कि बेड और ऑक्सिजन दोनो खत्म हो चुके हैं. रिसेप्शन पर बात करने पर बताया गया कि वेबसाइट अपडेट नहीं की गई है इसलिए वहां पर बेड खाली दिखा रहा है. वेबसाइट पर गंगाराम अस्पताल का नंबर भी गलत बता रहा है.

अस्पतालों की दुर्दशा देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर राज्य में ऑक्सीजन की कमी के बारे में आगाह किया है. केजरीवाल ने लिखा, "दिल्ली में गंभीर ऑक्सीजन संकट बना हुआ है. मैं फिर से केंद्र से आग्रह करता हूं कि वह दिल्ली को तत्काल ऑक्सीजन उपलब्ध कराए. कुछ ही देर में अस्पतालों में ऑक्सीजन खत्म हो जाएगा."

दिल्ली में कोरोना के हालात लगातार भयावह होते जा रहे हैं. पिछले 24 घंटों में 23,686 नए मामले सामने आये हैं. वहीं दिल्ली में संक्रमण दर 29.74 प्रतिशत पहुंच गया है. कोरोना से संक्रमित मरीज़ ऑक्सीजन के लिए दर-दर भटक रहे हैं. कई लोग ट्विटर व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर मदद मांग रहे हैं. मदद मांगने वालों में बड़ी हस्तियां और आम जनता दोनों शामिल हैं.

शनिवार को पत्रकार हेमंत राजौरा ने कोरोना संक्रमित एक मरीज़ की फोटो ट्विटर पर साझा की. ये व्यक्ति दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचा था. मरीज़ का ऑक्सीजन लेवल 78 तक गिर गया था. अस्पताल में ऑक्सीजन नहीं उपलब्ध हो पाने के कारण मरीज़ सड़क पर आ गया. तस्वीर में मरीज़ को अस्पताल के बाहर ऑक्सीजन लगाए देखा जा सकता है. यह ऑक्सीजन सिलेंडर उसके परिजनों को स्वयं ढूंढ़कर लाना पड़ा.

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी से आने वाली आपदा को लेकर चेतावनी दी है. सिसोदिया ने ट्वीट किया- “दिल्ली में अधिकतर अस्पतालों में केवल अगले 8 से 12 घंटे के लिए ही ऑक्सीजन उपलब्ध है. हम एक हफ्ते से दिल्ली को ऑक्सीजन सप्लाई कोटा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं जो कि केंद्र सरकार को करना है. अगर कल (बुधवार) सुबह तक पर्याप्त मात्रा में अस्पतालों में ऑक्सीजन नहीं पहुंची तो हाहाकार मच जाएगा.”

वहीं दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बिगड़ती स्थिति को आंकड़ों के साथ समझाया. उन्होंने लिखा- "मीडिया के लोग दिल्ली को दी जाने वाली ऑक्सीजन सप्लाई के बारे में पूछ रहे हैं. सोमवार और मंगलवार दिल्ली को 240 एमटी और 365 एमटी ऑक्सीजन दी गई. जबकि 700 एमटी की आवश्यकता है. अधिकांश अस्पतालों में स्टॉक की स्थिति 10 से 12 घंटे से अधिक नहीं है. हर दिन हमें 700 एमटी ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है."

कोविड संक्रमितों की बड़ी संख्या और मौतों के बीच दिल्ली बिना ऑक्सीजन के तड़प रही है.

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