मध्यप्रदेश के खंडवा में जिला अस्पताल में ऑक्सीजन कमी को लेकर रिपोर्ट छापने पर दैनिक भास्कर को नोटिस जारी किया गया है.
मध्यप्रदेश के खंडवा में जिला अस्पताल में ऑक्सीजन कमी को लेकर रिपोर्ट छापने पर दैनिक भास्कर को नोटिस जारी किया गया है. जिला प्रशासन ने अखबार को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 24 घंटों में अखबार से जवाब मांगा है.
प्रदेश का सबसे बड़े अखबार दैनिक भास्कर लगातार कोरोना से हो रही मौतों को अपने अखबार पर पहले पन्ने पर जगह दे रहा है. हाल ही में अखबार ने भोपाल में श्मशान घाट की फोटो छाप कर बताया था कि सरकार के आंकड़ों से ज्यादा यहां लाशें जल रही है.
अखबार ने खंडवा संस्करण के पहले पेज पर जिला अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी को लेकर खबर प्रकाशित की थी. सोमवार को प्रकाशित इस खबर में हेडलाइन दिया गया है, 400 बेड के जिला अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म. साथ ही लिखा गया है कि 111 मरीजों को कृत्रिम ऑक्सीजन जिला अस्पताल दे रहा है.
भास्कर संवाददाता के नाम से लिखी इस खबर में अस्पताल के स्टाफ के हवाले से बताया गया है कि अस्पताल के वार्डों में जंबो सिलेंडर से ऑक्सीजन सप्लाई के लिए लगे सेंट्रल सिस्टम बंद है. यहां भर्ती वीवीआईपी मरीजों को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के साथ छोटे सिलेंडर से सांस का सपोर्ट दिया जा रहा है.
जिला प्रशासन द्वारा कारण बताओ नोटिस में कहा गया है कि अखबार ने यह भ्रामक और गलत खबर प्रकाशित की है, जिससे जनता में भ्रम की स्थिति बन गई. जिला प्रशासन द्वारा लोगों को जागरूक किए जाने के प्रयासों को इस खबर से आघात पहुंचा है.
प्रशासन ने लिखा है कि इस पत्र का 24 घंटे में जवाब दे साथ ही बताए आखिर इस भ्रामक खबर के लिए आप पर क्यों ना आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 54, आईटी एक्ट की धारा 66 (डी) और आईपीसी की धारा 505 (1) के तहत केस दर्ज किया जाए.
न्यूज़लॉन्ड्री से बातचीत में खंडवा के कलेक्टर अनय द्विवेदी ने कहा, “हमने अखबार को बताया है कि यह खबर गलत है क्योंकि ऑक्सीजन को लेकर पूरी जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध होती है. यह डाटा पूरा रिकॉर्ड में होता है. हमारे पास 60 बीएचएम आरसी गैस उपलब्ध है वहीं अखबार बता रहा है कि ऑक्सीजन खत्म हो गया है.”
डीएम आगे कहते हैं, “पता नहीं अखबार को क्या दिक्कत है लेकिन उन्होंने गलत जानकारी छापी है. 24 घंटे का समय दिया हुआ है जवाब आने का अभी इंतजार है. यह नोटिस इसलिए भी दिया गया है ताकि अखबार इस महामारी के समय में जनता में पैनिक क्रिएट ना करे.”
“हमने संपादक को पहले भी बता दिया था. हालात की पूरी जानकारी का एक प्रेजेंटेशन व्हाट्सएप भी किया है कि किस तरह से प्रशासन काम कर रहा है, फिर भी जानबूझ कर इस तरह की खबर प्रकाशित की गई.”
दैनिक भास्कर के खंडवा संपादक आशीष चौहान ने न्यूज़लॉन्ड्री से बात करते हुए बताया कि वो अपनी रिपोर्ट पर अडिग हैं. संवाददाता ने बताया है कि लोगों ने उसे जानकारी दी, जिस पर यह रिपोर्ट की गई है. रिपोर्टर के पास बातचीत की रिकॉर्डिंग भी है.”
जिला प्रशासन के जवाब पर आशीष कहते हैं, “मेरे बेटे को कोविड हो गया है जिसके कारण मैं अस्पताल में हूं. अभी उनको जवाब नहीं दिया गया है.”