इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन के छात्रों ने कॉलेज ना खोले जाने को लेकर सोशल मीडिया पर विरोध किया है.
देश के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन (आईआईएमसी) के छात्रों ने कॉलेज ना खोले जाने को लेकर सोशल मीडिया पर विरोध किया है.
छात्र सोशल मीडिया पर संस्थान और उसके डायरेक्टर को टैग करते हुए कॉलेज खोलने की मांग पिछले काफी दिनों से कर रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है. संस्थान के एक छात्र साजिद ने ट्वीट करते हुए लिखा, “आईआईएमसी का 9 महीने का कोर्स होता है. पत्रकारिता वैसे भी ऑनलाइन नहीं सीखी जा सकती, फिर भी हम लोगों ने 5 महीने जैसे तैसे कैंपस खुलने की उम्मीद में निकाल दिए. न लाइब्रेरी इस्तेमाल की न क्लासरूम, कम्प्यूटर. संस्थान का मुंह तक नहीं देखा लेकिन फीस बकायदा पूरी दी.”
साजिद आगे लिखते है, लगातार पांच महीने ऑनलाइन क्लासेस करने के बाद हम छात्रों ने निर्णय लिया है कि अब हम ऑनलाइन क्लास का बहिष्कार करेंगे. वहीं कुछ छात्र कैंपस फिर से खोलने को लेकर लिख रहे हैं कि जब चुनाव आयोग कोरोना आपदा में चुनाव करा सकता है तो एक मीडिया संस्थान को क्यों नहीं खोला जा सकता.
एक अन्य छात्र ने संस्थान खोलने की मांग करते हुए लिखा, “बिना प्रैक्टिकल नॉलेज के हम कैसे पत्रकारिता सीखेंगे. इसलिए ऑनलाइन क्लासेस की बजाय ऑफलाइन क्लासेस चालू की जाएं.”
आईआईएमसी के ही एक अन्य छात्र आयुष, बंकुरा में रैली से पहले प्रधानमंत्री द्वारा शेयर की गई एक वीडियो को रीट्वीट करते हुए पीएम को टैग करते हुए लिखते है, इस रैली के मुकाबले हमारे क्लास में बच्चों की संख्या 5 प्रतिशत से भी कम है इसलिए हम फिर से कैंपस खोलने का इंतजार कर रहे हैं. हमें रैली से कोई परेशानी नहीं है, लेकिन हमारे भविष्य का भी ख्याल रखिए.
गौरतलब है कि, कुछ दिनों पहले ही ऑनलाइन क्लास बॉयकॉट करने को लेकर छात्रों ने सोशल मीडिया पर अपनी डीपी (प्रोफाइल इमेज) बदल दी थी. विरोध करने को लेकर छात्रों ने अपनी डीपी ब्लैक कर दी थी. जिसके कारण से उन सभी छात्रों को ऑनलाइन क्लास से निकाल दिया गया और कारण पूछने पर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कोई जवाब नहीं दिया.