सुप्रीम कोर्ट ने मेघालय हाईकोर्ट के फैसले को पलटा.
शिलांग टाइम्स की एडिटर और वरिष्ठ पत्रकार पैट्रिशिया मुखिम के खिलाफ फेसबुक पोस्ट को लेकर दर्ज एफआईआर को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है.
जस्टिस एल नागेश्वर राव और रविंद्र भट्ट की बेंच ने हाईकोर्ट के उस फैसले को पलट दिया, जिसमें कोर्ट ने पत्रकार के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज आपराधिक केस को सही ठहराया था. लाइव लॉ की खबर के मुताबिक, कोर्ट ने 16 फरवरी को इस केस की सुनवाई पूरी कर ली थी जिसका फैसला आज सुनाया गया.
पैट्रिशिया की तरफ से सीनियर वकील वृंदा ग्रोवर ने कोर्ट को बताया कि उसके पोस्ट को एडिट किया गया और सिर्फ उनके शब्दों को पुलिस के सामने रखा गया. पूरी पोस्ट के बजाय सिर्फ एक बिंदु को देखा.
बता दें कि वरिष्ठ पत्रकार ने एक फेसबुक पोस्ट में लॉसहटून के बास्केटबॉल कोर्ट में आदिवासी और गैर-आदिवासी युवाओं के बीच झड़प का जिक्र करते हुए लिखा था कि, मेघालय में गैर-आदिवासियों पर यहां लगातार हमला जारी है, जिनके हमलावरों को 1979 से कभी गिरफ्तार नहीं किया गया जिसके परिणामस्वरूप मेघालय लंबे समय तक विफल राज्य रहा.
इस फेसबुक पोस्ट के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी. जिस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पत्रकार के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर उन्हें पूछताछ के लिए पुलिस स्टेशन आने को कहा.
पत्रकार ने पुलिस के इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और इसे खारिज करने की मांग की थी, लेकिन मेघालय हाईकोर्ट के जस्टिस डब्लू डिंगडोह ने फैसला सुनाते हुए कहा था कि, यह पोस्ट मेघालय में आदिवासियों और गैर आदिवासियों के सौहार्दपूर्ण संबंधों के बीच दरार पैदा करने वाला है. इसलिए याचिका को रद्द किया जाता है.