यह जानकारी सामने आने के बाद से कंपनी के कर्मचारियों में गुस्सा है.
द गार्जियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यूके स्थित समाचार संस्थान डेली टेलीग्राफ “खबर पर क्लिक की संख्या के आधार पर पत्रकारों को सैलरी देने की योजना बना रहा है.”
गार्जियन ने यह रिपोर्ट समाचार के संपादक के एक मेल के आधार पर प्रकाशित की है. टेलीग्राफ के एडिटर क्रिस इवांस ने कर्मचारियों को भेजे एक मेल में बताया कि "उचित समय में" आउटलेट "स्टार्स" प्रणाली का उपयोग करना चाहता है, जो कि ऑनलाइन प्रकाशित खबरों से कितने सब्सक्रिप्शन और कितने क्लिक प्राप्त होते हैं, उस "प्रदर्शन को इनाम से जोड़ने के लिए" एक डेटा का निर्माण कर उसे उपयोग करेगा.
इवांस ने आगे कहा "जो लोग सबसे अधिक पाठकों को आकर्षित करते हैं और बनाए रखते हैं, उन्हें सबसे सुंदर भुगतान किया जाना चाहिए." उन्होंने कहा कि यह जटिल काम है इसलिए हम अभी तक यह नहीं कर पाए हैं.
इस मेल के बाद से कंपनी के कर्मचारियों में गुस्सा है. द गार्जियन को कंपनी के एक कर्मचारी ने बताया कि कंपनी के अधिकारी इस मेल के बाद स्पष्टीकरण दे रहे हैं कि यह सिर्फ प्रयोग के लिए किया जा रहा है. एक अन्य कर्मचारी ने कहा, कि जो रिपोर्टर शाही परिवार, कोरोना वायरस, राजनीतिक मामलों को कवर करते हैं उनकी खबरें ज्यादा नंबर पाएगी, ऐसे में बाकी रिपोर्टर को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा.
नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स की महासचिव मिशेल स्टानलेस्ट्री ने कहा, “यह कदम विविध गुणवत्ता वाली पत्रकारिता के महत्व के बारे में चिंतित करता है और यह पत्रकारों को व्यापक तौर पर निरंकुश करेगा".