एनबीएफ लगातार रेटिंग सिस्टम को फिर से बहाल करने की मांग कर रहा है, वहीं सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बार्क को आदेश दिया है कि मंत्रालय के अगले आदेश तक रेटिंग सिस्टम ना जारी किया जाए.
रेटिंग सिस्टम को फिर से चालू करवाने को लेकर एनबीएफ लगातार पत्र लिख रहा है. सबसे पहले बार्क को पत्र लिखकर एनबीएफ ने रेटिंग सिस्टम फिर से बहाल करने की मांग की थी. जिसके बाद संस्था ने केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर बार्क को रेटिंग जारी करने का आदेश जारी करने की मांग की थी.
इन दोनों पत्रों पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर अब न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन (एनबीएफ) ने प्रतिस्पर्धा आयोग को पत्र लिखकर ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के एकाधिकार पर जांच की मांग की है. पत्र में कहा गया हैं कि देश में रेटिंग नापने का काम सिर्फ बार्क के पास है इसलिए सीआईसी इस एकाधिकार की जांच करें और देखें कि यह कैसे फ्री टू एयर (एफटीए) चैनलों के कामकाज को प्रभावित कर रहा है.
एक ओर जहां एनबीएफ लगातार रेटिंग सिस्टम को फिर से बहाल करने की मांग कर रहा है, वहीं सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बार्क को आदेश दिया है कि मंत्रालय के अगले आदेश तक रेटिंग सिस्टम ना जारी किया जाए.
मंत्रालय ने कहा, प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर वेम्पती और चार अन्य सदस्यों की उस रिपोर्ट पर अभी जांच चल रही है जिसमें मौजूदा टीआरपी प्रणाली की कमियों का अध्ययन और परीक्षण करने और मजबूत, विश्वसनीय और पारदर्शी रेटिंग प्रणाली के लिए प्रक्रियाओं को और मजबूत बनाने का प्रस्ताव शामिल है.
वहीं एनबीएफ ने रेटिंग में छेड़छाड़ को लेकर रिपब्लिक टीवी का नाम आने के बाद बार्क को रेटिंग सिस्टम से बाहर करने की मांग की है. गौरतलब हैं कि एनबीएफ के अध्यक्ष रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी हैं.
रेटिंग सिस्टम को फिर से चालू करवाने को लेकर एनबीएफ लगातार पत्र लिख रहा है. सबसे पहले बार्क को पत्र लिखकर एनबीएफ ने रेटिंग सिस्टम फिर से बहाल करने की मांग की थी. जिसके बाद संस्था ने केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर बार्क को रेटिंग जारी करने का आदेश जारी करने की मांग की थी.
इन दोनों पत्रों पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर अब न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन (एनबीएफ) ने प्रतिस्पर्धा आयोग को पत्र लिखकर ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) के एकाधिकार पर जांच की मांग की है. पत्र में कहा गया हैं कि देश में रेटिंग नापने का काम सिर्फ बार्क के पास है इसलिए सीआईसी इस एकाधिकार की जांच करें और देखें कि यह कैसे फ्री टू एयर (एफटीए) चैनलों के कामकाज को प्रभावित कर रहा है.
एक ओर जहां एनबीएफ लगातार रेटिंग सिस्टम को फिर से बहाल करने की मांग कर रहा है, वहीं सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बार्क को आदेश दिया है कि मंत्रालय के अगले आदेश तक रेटिंग सिस्टम ना जारी किया जाए.
मंत्रालय ने कहा, प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर वेम्पती और चार अन्य सदस्यों की उस रिपोर्ट पर अभी जांच चल रही है जिसमें मौजूदा टीआरपी प्रणाली की कमियों का अध्ययन और परीक्षण करने और मजबूत, विश्वसनीय और पारदर्शी रेटिंग प्रणाली के लिए प्रक्रियाओं को और मजबूत बनाने का प्रस्ताव शामिल है.
वहीं एनबीएफ ने रेटिंग में छेड़छाड़ को लेकर रिपब्लिक टीवी का नाम आने के बाद बार्क को रेटिंग सिस्टम से बाहर करने की मांग की है. गौरतलब हैं कि एनबीएफ के अध्यक्ष रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी हैं.